SC ने इलाहाबाद HCBA की हड़ताल खत्म ना होने पर हस्तक्षेप की चेतावनी दी

Update: 2019-09-09 10:45 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा लंबे समय तक हड़ताल जारी रखी गई तो उसे "कुछ निश्चित तौर-तरीके अपनाने होंगे ताकि लोग न्यायिक उपायों से वंचित न रहें।"

पिछले हफ्ते जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने हड़ताल के आह्वान की आलोचना करते हुए कहा था कि "बार एसोसिएशनों को हड़ताल का सहारा लेकर अपनी मांगों का निपटारा नहीं करना चाहिए, जिससे मुकदमेबाजों को न्याय मिलने में देरी हो सकती है।" इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर ने नोटिस भी जारी किया था जिसमें वकीलों से हड़ताल खत्म कर फिर से काम शुरू करने की अपील की गई थी।

दरअसल HCBA ने यूपी शिक्षा सेवा न्यायाधिकरण विधेयक, 2019 ' के विरोध के रूप में 27 अगस्त को हड़ताल का सहारा लिया था जिसमें लखनऊ में शैक्षिक न्यायाधिकरणों की स्थापना का प्रस्ताव है।

बार एसोसिएशन ने अदालत के सामने पेश किया कि वे हड़ताल को बंद करने पर विचार करेंगे। इसके बाद, इस मामले को 11 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है।HCBA की बैठक सोमवार सुबह होनी है।  



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