तीन महीने EMI से मोहलत : सुप्रीम कोर्ट ने RBI को देखने को कहा कि लोगों को बैंक ये लाभ दे रहे हैं या नहीं 

Update: 2020-04-30 12:39 GMT

एक अहम कदम में सुप्रीम कोर्ट ने RBI से यह जांचने के लिए कहा है कि  उसकी तीन महीने की EMI की मोहलत की नीति बैंकों द्वारा लागू की गई है या नहीं।

जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने इस मामले में कहा,

"  ऐसा प्रतीत होता है कि जिन बैंकों को RBI द्वारा लाभ दिया गया है, वो लाभ लोन लेने वालों तक नहीं बढ़ाया जा रहा है। उचित दिशा-निर्देशों का उपयोग किया जाना चाहिए।"

सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि तीन महीने की मोहलत पर RBI के 27 मार्च के नोटिफिकेशन पर दखल देने से इनकार कर दिया और RBI से पूछा कि क्या उसकी पॉलिसी बैंकों द्वारा सही मायने में लागू की गई है?

वहीं केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यह योजना उधारकर्ताओं के लिए लागू है और RBI इस पर विचार कर सकता है।

पीठ ने कहा,

"यह एक पीआईएल मुद्दा नहीं है, हम हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, उठाए गए विभिन्न मुद्दों के कारण हम अनुरोध करते हैं कि RBI यह जांच कर सकता है कि क्या इसकी नीति बैंकों द्वारा सही तरीके लागू की जा रही है।"

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में RBI की 27 मार्च की अधिसूचना को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दाखिल हुई थीं।  

पीठ ने इन पर सुनवाई करते हुए वकीलों से पूछा कि क्या उन्होंने लोन लिया है। जब वकील ने कहा कि नहीं ये जनहित याचिका है तो पीठ ने सुनवाई से इनकार कर दिया। 

 पीठ ने कहा कि वकील खुद ही उन लोगों के लिए याचिका दाखिल कर रहे हैं जो खुद ये याचिका दाखिल कर सकते हैं।

अगर सुप्रीम कोर्ट के सामने कोई इस योजना से प्रभावित व्यक्ति आएगा तो इस मामले की जांच करेंगे। 

जस्टिस रमना ने कहा,

" ये योजना लाभदायक है, अच्छी है,  बुरी है, यह हम कैसे तय करे सकते हैं। यदि आप लोन लेने वाले नहीं हैं तो आप कुछ भी नहीं जानते हैं।" 

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