जस्टिस बोबडे होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

Update: 2019-10-29 06:20 GMT

जस्टिस एस ए बोबडे देश के 47 वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी नियुक्ति के लिए अपनी मुहर लगा दी है। वो 18 नवंबर को पदभार संभालेंगे।

इससे पहले 18 अक्टूबर को देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को संबोधित पत्र में जस्टिस एस ए बोबडे को अगला मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी।

मुख्य न्यायाधीश गोगोई इस साल 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और परंपरा के अनुसार यह स्पष्ट है कि जस्टिस बोबड़े इस पद पर नियुक्त होंगे।

जस्टिस बोबडे के बारे में जानिए

जस्टिस बोबडे ने 1978 में नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र में नामांकन दर्ज किया।

उन्होंने 21 साल तक बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की और सुप्रीम कोर्ट में भी पेश हुए। उन्हें 1998 में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया और बाद में मार्च, 2000 में बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। अप्रैल, 2013 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और वो 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे।

वर्तमान में वह देश के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और मुंबई और नागपुर दोनों परिसरों में महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के चांसलर के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।

वह कई महत्वपूर्ण बेंचों में रहे हैं, जिनमें हाल ही में अयोध्या टाइटल विवाद भी शामिल है। इसके अलावा वो निजता के अधिकार और 2018 में कर्नाटक राजनीतिक विवाद के चलते उस बेंच में रहे जिसने रात भर सुनवाई की थी।

उन्होंने जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के साथ मिलकर मुख्य न्यायाधीश गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच भी की थी। बतौर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबडे का कार्यकाल लगभग डेढ़ साल का होगा और वो देश के 47 वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।  

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