बकरीद के लिए COVID-19 लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट देने के केरल सरकार के फैसले खिलाफ याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से दिन के अंत तक जवाब दाखिल करने को कहा

Update: 2021-07-19 07:01 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार से कहा कि वह केरल सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिन के अंत तक अपना जवाब दाखिल करें। दरअसल, केरल सरकार ने आगामी बकरीद त्योहार को देखते हुए तीन दिनों के लिए COVID-19 लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट देने का निर्णय लिया है।

न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि वह मामले को कल (मंगलवार) सुनवाई के लिए लिस्ट में सबसे आगे सूचीबद्ध करें।

याचिकाकर्ता पीकेडी नांबियार की ओर से पेश एडवोकेट प्रीति सिंह ने शुरुआत में कहा कि,

'यह चौंकाने वाला है कि हेल्थ इमरजेंसी में सरकार इस तरह के छूट देकर नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है। केरल सरकार इस गंभीर स्थिति में मासूस नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन की कुर्बानी देने को तैयार है।"

यूपी राज्य में प्रस्तावित कांवर यात्रा पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान मामले में आवेदन दिया गया है।

कोर्ट उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट ने COVID19-प्रोटोकॉल के लिए खतरे को देखते हुए कांवड़ यात्रा की अनुमति देने पर आपत्ति व्यक्त की थी। आवेदन पर प्रकाश डाला गया है कि केरल सरकार 18 जुलाई से 20 जुलाई तक बकरीद त्योहार के लिए लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देकर लापरवाही से काम कर रही है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि चिकित्सा विभाग के परामर्श के बिना यह निर्णय लिया गया है। सीएम पिनाराई विजयन और व्यापारी संगठन 'केरल व्यापार व्यापार ई-कोपना समिति' के नेताओं के बीच हुई चर्चा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

याचिका में कहा गया है कि,

"राजनीतिक हित और इसके कारण इस देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को दूर नहीं कर सकते हैं। केरल सरकार का उक्त कृत्य नोट कर रही है, लेकिन राजनीति से प्रेरित है। इसके अलावा उक्त निर्णय पूरी तरह से अवलोकन और भावना के विपरीत है जो इस कोर्ट ने इस राष्ट्र की दयनीय स्थिति को प्रस्तुत करने पर अपनी चिंता दिखाई है।"

यह भी बताया गया है कि केरल और महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों (COVID-19 पॉजिटव मामलों) के कारण प्रधानमंत्री द्वारा सावधानी बरतने के एक दिन बाद ही केरल सरकार द्वारा निर्णय लिया गया था।

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