COVID 19 : अमेरिका में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार को विशेष क़दम उठाने के निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Update: 2020-04-11 10:40 GMT

अमेरिका में COVID 19 के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें अमेरिका में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए विशेष विमान भेजने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पूरी तरह पाबंदी लगाने से अमेरिका में अटके भारतीयों की स्थिति और ख़राब हो गई है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि हम नहीं चाहते कि अदालत सरकार के नीतिगत मामले में हस्तक्षेप करे और न ही वे यह चाहते हैं कि हवाई यात्रा पर लगे प्रतिबंध को ही उठाया जाए। वे तो सिर्फ़ यह चाहते हैं कि वहां से भारतीय नागरिकों को निकाला जाए। याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सरकार अपनी नैतिक और क़ानूनी ज़िम्मेदारियों को मानवीय आधार पर निभाए।

यह याचिका एडवोकेट विभा दत्ता मखीजा और कशिश अनेजा ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि सभी भारतीय नागरिकों को सरकार से संरक्षण प्राप्त करने का अधिकार है न कि दुनिया के किसी एक हिस्से में रहने वालों को। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि वे सरकार को निर्देश दें कि वह अपना संवैधानिक, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कर्तव्य पूरा करे क्योंकि इन नागरिकों को भी सरकार से संरक्षण का उतना ही अधिकार है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि लोगों पेश आ रही मुश्किलों और पेश आनेवाले ख़तरे के हिसाब से उनका निकालने में वरीयता दी जाए, जिनके वीज़ा की अवधि बीत गई है उनको वरीयता दी जाए, लोगों को उनकी आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, और अन्य तरह की मुश्किलों को देखते हुए उन्हें वरीयता मिले और जिन्हें निकाला जाना है उनके बारे में बहुत ही सख़्त प्रोटकॉल का निर्देश जारी हो और उसका पालन किया जाए।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अगर भारत सरकार अपने नागरिकों को अमेरिका से लाने का प्रयास करती है तो इससे किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन नहीं होता।

याचिका में कहा गया है कि वुहान, इटली और ईरान जैसे बहुत ही ख़तरनाक क्षेत्र से भारतीय लोगों को निकाला गया है और जो लोग न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में फंसे हुए हैं, उनको नहीं निकालना भेदभावपूर्ण है। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 35 और 36 के तहत सरकार ऐसा करने कि लिए क़ानून से बंधी हुई है।

याचिका में कहा गया कि अमेरिकी वीज़ा जिन लोगों का समाप्त हो गया है, उनको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और इस बारे में कुछ भी निश्चित नहीं है कि जिनका वीज़ा समाप्त हो गया है उसकी मियाद बढ़ाई जाएगी या नहीं। अगर नहीं बढ़ाई जाती है तो ये लोग ग़ैरक़ानूनी प्रवासी हो जाएंगे और उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसे देखते हुए उन्हें तत्काल राहत दिलाए जाने की ज़रूरत है। 

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