दया याचिका के निपटारे की समय सीमा तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Update: 2019-12-11 08:04 GMT

राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका के निपटारे के लिए विशिष्ट प्रक्रिया, नियम और समय सीमा तय करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है।

वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने दाखिल याचिका में कहा है कि राष्ट्रपति के पास दायर होनी वाली दया याचिका का निपटारा करने की कोई समय सीमा या नियम या कोई प्रक्रिया तय नहीं की गई है। इसकी वजह से याचिकाएं काफी वक्त तक लटकी रहती हैं।

याचिका में कहा गया है कि कई मामलों में देरी की वजह से मौत की सजा पाने वाले दोषी अपनी सजा कम कर उम्रकैद में बदलवाने में सफल हो जाते हैं। इसे पीड़ित और उसका परिवार खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं।

याचिका में आगे कहा गया है कि इस तरह दया याचिका के निपटारे में देरी पीड़ित और दोषी दोनों के समानता और जीने के अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में अमेरिका और इंग्लैंड का हवाला भी दिया गया है कि वहां पर समय बद्ध तरीके से एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत दया याचिकाएं दाखिल होती हैं और उनका निपटारा किया जाता है। ऐसे में ज़रूरी है कि दया याचिका के निपटारे की एक समय सीमा निर्धारित की जाए।

याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि दया याचिका दाखिल निपटारे की एक समय सीमा तय करें।

ये भी कहा गया है कि कोर्ट केंद्रीय गृहमंत्रालय व कानून मंत्रालय को आदेश दे कि वो दया याचिकाओं के लिए विशिष्ट प्रक्रिया, नियम और समयबद्ध तरीके से निपटारे के आदेश जारी करे। 

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