सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस मुरलीधर की सराहना की

Update: 2023-01-25 11:42 GMT

CJI DY Chandrachud

भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के लिए एक बेंच के गठन की मांग वाले एक मामले की सुनवाई करते हुए उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर द्वारा ओडिशा राज्य में हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं की स्थापना की सराहना की।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को धर्मशाला में एक बेंच स्थापित करने का निर्देश नहीं दे सकती है।

इसके साथ ही सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता को सुझाव दिया कि वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से प्रशासनिक पक्ष में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा स्थापित करने के लिए कहे।

उच्च न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं का उदाहरण देते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा,

"ओडिशा में मुख्य न्यायाधीश मुरलीधर ने राज्य के प्रत्येक जिले के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा स्थापित की है। उन्होंने व्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया है और अब राज्य के प्रत्येक जिले में बेंच हैं। इसलिए कोई भी जिला वकील उच्च न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हो सकता है।"

पिछले साल सितंबर में ओडिशा न्यायिक अकादमी, कटक में रिकॉर्ड रूम डिजिटाइजेशन सेंटर ('आरआरडीसी') की पहली वर्षगांठ पर जस्टिस चंद्रचूड़ मुख्य कहा था,

"सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति की पहल को लागू करने में उड़ीसा उच्च न्यायालय वास्तव में सबसे आगे रहा है।"

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि न्याय वितरण प्रणाली के परिवर्तन के लिए न्यायालय की क्षमताओं के निर्माण की आवश्यकता है जो स्केलेबल, स्थिर और महत्वपूर्ण रूप से आम लोगों और वकीलों दोनों के उपयोग के लिए डिज़ाइन की गई है।

आगे कहा,

"आज उस दृष्टिकोण से मुझे उड़ीसा हाईकोर्ट में कार्रवाई में कई बदलावों का पहला गवाह बनने पर बहुत गर्व है, जिसकी अगुवाई मुख्य न्यायाधीश मुरलीधर कर रहे हैं।"


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