चुनाव में EVM मशीनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें देश के चुनावों में EVM के उपयोग पर सवाल उठाया गया था और हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों को रद्द कर दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की गई थी। याचिका में ये भी कहा गया था कि चुनाव आयोग के पास वोटिंग मशीनों का उपयोग करके चुनाव कराने की शक्ति नहीं है।
हालांकि जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 61 ए, EVM के उपयोग की अनुमति देती है लेकिन याचिकाकर्ता शर्मा का तर्क यह है कि यह प्रावधान असंवैधानिक है और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव रद्द किए जाने चाहिए।
1.5 महीने के अंतराल में EVM को लेकर कोर्ट में चौथी याचिका
दरअसल 1.5 महीने के अंतराल में EVM को लेकर कोर्ट में यह चौथी याचिका है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही 2 बार विपक्षी दलों द्वारा वीवीपीएटी और EVM के 50% सत्यापन की मांग को खारिज कर चुका है। इसके साथ ही कोर्ट ने कुछ टेक्नोक्रेट्स की एक अन्य याचिका को भी खारिज कर दिया था जिसमें वीवीपीएटी और EVM के 100% सत्यापन की मांग की गई थी।
अदालत ने यह कहा था कि वह चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेगा और लोगों को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने की अनुमति दी जानी चाहिए। पीठ ने ये भी कहा था कि वह बार-बार ऐसी याचिका दाखिल करने की अनुमति नहीं देगा।