जय शाह मानहानि मामला : सुप्रीम कोर्ट द वायर की याचिका पर 27 अगस्त को सुनवाई करेगा

Update: 2019-07-26 10:50 GMT

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह द्वारा द वायर वेब पोर्टल के खिलाफ दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट अब 27 अगस्त को सुनवाई करेगा।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी रहे प्रस्तुत

शुक्रवार को याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम. आर. शाह की पीठ को केस की जानकारी दी और कहा कि इस मामले की नियमित सुनवाई नॉन- मिसलेनियस डे के दिन लगाई जाए। जय शाह की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने भी इस पर सहमति जताई। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 27 अगस्त को तय की है।

अदालत ने दिया था मामले को कोर्ट से बाहर सुलझाने का सुझाव
इससे पहले पीठ ने यह सुझाव दिया था कि इस मामले को कोर्ट से बाहर बैठकर सुलझाना बेहतर होगा लेकिन द वायर की ओर से इससे इनकार कर दिया गया था। वेब पोर्टल ने दावा किया कि जय शाह के खिलाफ आर्टिकल जनहित में दिया गया था और कोर्ट से बाहर समझौता नहीं हो सकता है।

क्या है यह पूरा मामला ?

दरअसल सुप्रीम कोर्ट द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह व संपादकों की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

गौरतलब है कि गुजरात हाईकोर्ट ने वेब पोर्टल द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने जय शाह द्वारा दाखिल आपराधिक मानहानि केस को रद्द करने की मांग की थी।

वेबसाइट द्वारा जय शाह के खिलाफ किया गया दावा
वेब साइट ने यह दावा किया था कि एनडीए के सत्ता में आने के एक साल बाद उनकी कंपनी का कारोबार 16,000 गुना बढ़ गया था। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कंपनी ने अपने कारोबार में भारी वृद्धि की। 1 साल में इसकी आय 50,000 रुपये से बढ़कर 80 करोड़ रुपये हो गई। जय शाह ने लेख लिखने वाली रोहिणी सिंह व संपादकों के खिलाफ आपराधिक मानहानि मुकदमा दायर किया है।

आपराधिक मानहानि के मामले में महानगर मजिस्ट्रेट ने 13 नवंबर 2017 को सभी उत्तरदाताओं को बुलाया था। कोर्ट ने वेब साइट के खिलाफ यह आदेश दिया था कि वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अमित शाह के खिलाफ किसी विशेष रुप में समाचार नही प्रकाशित कर सकते हैं। जिसके बाद द वायर ने हाईकोर्ट का रुख किया था लेकिन हाईकोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी।

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