दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटों पर लेन-देन के लिए OTP की अनिवार्यता की मांग करने वाली PIL खारिज की

Update: 2019-09-12 02:21 GMT

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की आवश्यकता को अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटों पर किए जाने वाले लेनदेन के लिए अनिवार्य करने के निर्देश जारी करने की मांग करने वाली रिट याचिका को खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ता अमित साहनी ने अपनी याचिका में कहा था कि अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटों पर लेनदेन के लिए ओटीपी की आवश्यकता को अनिवार्य करने से बड़े पैमाने पर जनता के साथ धोखा करने की घटनाओं को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा था कि भुगतान गेटवे जो भारत में संचालित नहीं हैं, उनके लिए ओटीपी प्रमाणीकरण की कोई आवश्यकता नहीं है। कार्ड खोने की स्थिति में यह ग्राहक को असुरक्षित बनाता है।

याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया था कि विभिन्न अनुप्रयोगों द्वारा लिए जाने वाले सदस्यता शुल्क में ओटीपी की अतिरिक्त सुरक्षा परत भी होनी चाहिए क्योंकि लेन-देन होने से पहले ग्राहक की सहमति सुनिश्चित होगी।

नागिंदर बेनीपाल ने यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से पेश होकर यह तर्क पेश किया कि भारतीय रिजर्व बैंक का आदेश अन्य क्षेत्राधिकारों में लागू नहीं होता है। यूएसए जैसे कई क्षेत्राधिकार हैं जो दो-परत भुगतान प्रमाणीकरण प्रणाली का पालन नहीं करते हैं। यह भी तर्क दिया गया कि लेनदेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही विभिन्न अन्य तंत्र हैं जैसे कि मोबाइल सूचनाएं, एसएमएस अलर्ट आदि।

न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति हरि शंकर की खंडपीठ ने बेनीपाल के तर्क स्वीकार किए और याचिका खारिज कर दी।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए चिंताओं से निपटने के लिए मौजूदा सुरक्षा ढांचा पर्याप्त है। इसके अलावा, यह भी प्रतिपादित किया गया था कि यदि भविष्य में सुरक्षा भंग का कोई भी मामला सामने आता है तो व्यक्तिगत रूप से निपटा जा सकता है। इसलिए, इस मामले में जनहित याचिका के तहत कोई उपाय नहीं किया जा सकता। 

Tags:    

Similar News