हाईकोर्ट ने आरजी कर बलात्कार-हत्या पीड़िता के लिए न्याय की मांग करने वाले 'TIFO' के साथ फुटबॉल समर्थकों के स्टेडियम में प्रवेश पर प्रतिबंध खारिज किया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मोहन बागान फुटबॉल क्लब के समर्थकों को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में बड़े TIFO के साथ साल्ट लेक स्टेडियम में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्य सरकार का आदेश खारिज कर दिया।
जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा,
इन गतिविधियों को आनंद और मनोरंजन की खेल गतिविधियों के रूप में सराहा जाता है, लेकिन ये अनुशासन की भावना भी पैदा करती हैं। इसलिए TIFO का उपयोग करके समर्थक अधिक प्रतिक्रियाशील होते हैं। इसका उपयोग टीम या उसके सदस्यों को समर्थन दिखाने के लिए करते हैं, जिससे वे समर्थकों द्वारा अपेक्षित वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। TIFO का अर्थ है फुटबॉल मैच में किसी टीम के समर्थकों द्वारा उठाया गया झंडा या चित्र और इसलिए ये प्रदर्शन थोड़े समय के लिए या अंतराल पर किए जाते हैं। जाहिर है, 'TIFO' का उपयोग करते समय दर्शक अपने साथी दर्शकों के प्रति सचेत होते हैं। इसलिए इस संबंध में राज्य की कोई आशंका नहीं होनी चाहिए।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि शुरू में समर्थकों ने ड्रम ले जाने की योजना बनाई, लेकिन वे ध्वनि प्रदूषण पैदा कर सकते हैं और उन्हें नहीं ले जाना चाहिए, जो 'TIFO'उत्साहवर्धक गतिविधियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। टीम और उसके खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए है, उसे प्रतिबंधात्मक वस्तु के रूप में प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।
राज्य के वकील ने तर्क दिया कि 'TIFO' व्यू-कटर हो सकता है, जिससे अन्य दर्शकों को असुविधा हो सकती है। इस संबंध में किसी भी तरह की झड़प से बचने के लिए उपरोक्त प्रतिबंध/निषेध लगाया गया।
पक्षकारों की सुनवाई के बाद अदालत ने माना कि TIFO खेल गतिविधियों का अभिन्न अंग है जहां कभी-कभी समर्थकों से टीम या उसके समर्थकों का मनोबल बढ़ता है। कभी-कभी मैच के दौरान किसी विशेष क्षण का जश्न मनाया जाता है
इसने माना कि TIFO पर लिखा जा सकता है, लेकिन यह नरम सामग्री से बना होना चाहिए न कि कठोर सामग्री से जिस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
केस टाइटल- मयूख बिस्वास बनाम पश्चिम बंगाल राज्य