पत्नी की वापसी के लिए पति के कहने पर हेबियस कॉर्पस रिट उपलब्ध नहीं: इलाहाबाद हाइकोर्ट

Amir Ahmad

22 Jan 2024 1:21 PM GMT

  • पत्नी की वापसी के लिए पति के कहने पर हेबियस कॉर्पस रिट उपलब्ध नहीं: इलाहाबाद हाइकोर्ट

    इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा कि क्रिमिनल और सिविल कानून के तहत इस उद्देश्य के लिए उपलब्ध अन्य उपायों को देखते हुए पति द्वारा अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए हेबियस कॉर्पस रिट (Habeas Corpus Writ) की आवश्यकता दुर्लभ और निश्चित रूप से उपलब्ध नहीं हो सकती।

    जस्टिस योगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी रिट आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकती। इसका प्रयोग केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए, जब कोई बाध्यकारी मामला प्रस्तुत किया जाता है।

    कोर्ट ने कहा,

    “ऐसी स्थिति में जहां पति यह दावा करना चाहता है कि पत्नी बिना किसी उचित कारण के अपने वैवाहिक घर में लौटने से इनकार कर रही है, उसके लिए हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (Hindu Marriage Act) की धारा 9 के तहत वैवाहिक अधिकारों की बहाली का उपाय तलाशना खुला होगा।”

    इसके साथ अदालत ने व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी की कस्टडी की मांग करते हुए दायर हेबियस कॉर्पस याचिका खारिज कर दी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह वर्तमान में अपने मामा की अवैध कस्टडी में है।

    यह पति का मामला था कि उसकी पत्नी ने उसका घर छोड़ दिया और उसके लाख प्रयासों के बावजूद, वह अपने वैवाहिक घर में वापस आने को तैयार नहीं है।

    वहीं दूसरी ओर, राज्य के वकील ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पत्नी ने अपना वैवाहिक घर खुद ही छोड़ दिया था और यह सुझाव देने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि वह अवैध कस्टडी में है।

    इस पृष्ठभूमि में यह देखते हुए कि हेबियस कॉर्पस रिट विशेषाधिकार रिट है। इसे केवल उचित आधार या संभावित कारण दिखाए जाने पर ही दायर किया जा सकता है।

    अदालत ने आगे कहा,

    “हेबियस कॉर्पस की रिट को फ़ेस्टिनम रिमेडियम के रूप में रखा गया। तदनुसार, उक्त रिट की शक्ति स्पष्ट मामले में प्रयोग योग्य होगी। इसलिए जिस व्यक्ति पर वह अपनी पत्नी होने का दावा करता है, उस पर कब्जा प्राप्त करने की मांग करने वाले व्यक्ति के कहने पर हेबियस कॉर्पस रिट का उपाय निश्चित रूप से उपलब्ध नहीं होगा।”

    कोर्ट ने आगे कहा कि गलत तरीके से कैद किए गए व्यक्तियों की तलाश करने का निर्देश देने की शक्ति आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 97 के तहत प्रदान की गई है, जबकि धारा 98 अपहृत महिलाओं की जबरन बहाली की प्रक्रिया प्रदान करती है।

    पत्नी की कस्टडी मांगने के लिए पति की प्रार्थना के संबंध में कोर्ट ने कहा कि जब कोई पत्नी बिना किसी उचित कारण के अपने वैवाहिक घर लौटने से इनकार करती है तो पति हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 (Hindu Marriage Act) की धारा 9 के तहत वैवाहिक अधिकारों की बहाली के उपाय की मांग कर सकता है।

    इसे ध्यान में रखते और यह देखते हुए कि पत्नी ने अपनी इच्छा से अपना वैवाहिक घर छोड़ा था और अवैध कस्टडी के तथ्य को साबित करने के लिए कोई सामग्री नहीं है, अदालत ने पति के आदेश पर हेबियस कॉर्पस की रिट की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी।

    केस टाइटल - जयश्री और अन्य बनाम यूपी राज्य और 3 अन्य।

    केस साइटेशन- लाइव लॉ (एबी) 39 2024

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