इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संस्था और यूनिवर्सिटी शब्दों के बीच अंतर का आरोप लगाने वाली याचिका पर जारी किया नोटिस
Amir Ahmad
24 May 2025 3:43 PM IST

लखनऊ स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के तहत संस्था और यूनिवर्सिटी शब्दों के बीच अंतर का आरोप लगाने वाली रिट याचिका पर नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ताओं ने संस्कृति यूनिवर्सिटी से अलग-अलग वर्षों में फिजियोथेरेपी में ग्रेजुएट की डिग्री और साइंस (मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी) में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की, जो उनके अनुसार उत्तर प्रदेश अधिनियम 2016 के तहत एक वैधानिक यूनिवर्सिटी है। इसके अलावा यह प्रस्तुत किया गया कि यू.पी. प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट, 2019 के तहत भी यूनिवर्सिटी का उल्लेख है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश राज्य मेडिकल फैकल्टी को राज्य सरकार द्वारा राज्य में निजी पैरा मेडिकल संस्थानों को विनियमित करने का अधिकार दिया गया और सरकारी पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों के लिए UPSMF में रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश राज्य मेडिकल फैकल्टी द्वारा याचिकाकर्ताओं को रजिस्ट्रेशन से इस आधार पर वंचित कर दिया गया कि उन्होंने UPSMF द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से ग्रेजुएट नहीं किया।
यूनिवर्सिटी से संपर्क करने पर उन्हें बताया गया कि यूनिवर्सिटी वैधानिक यूनिवर्सिटी है, इसलिए उसे UPSMF से पैरा-मेडिकल कोर्स के लिए मान्यता की आवश्यकता नहीं है। 14.10.2005 का सरकारी आदेश जो यूनिवर्सिटी को सशक्त बनाता है केवल संस्थानों पर लागू होता है यूनिवर्सिटी पर नहीं।
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा इस आधार पर खटखटाया कि पैरामेडिकल कोर्स में डिग्री होने के बावजूद उन्हें इस आधार पर सरकारी और अर्ध-सरकारी पदों के लिए आवेदन करने से रोक दिया गया कि उनके यूनिवर्सिटी ने 14.10.2005 के सरकारी आदेश में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं किया।
यह तर्क दिया गया कि दिनांक 14.10.2005 का सरकारी आदेश केवल संस्थाओं या प्रशिक्षण केंद्रों पर लागू होता है न कि वैधानिक यूनिवर्सिटी पर, जिन्हें यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के तहत परिभाषित किया गया।
यह आग्रह किया गया कि UPSMF द्वारा उन्हें रजिस्टर करने से इनकार करना न केवल कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण हैबल्कि मनमाना और भेदभावपूर्ण भी है।
जस्टिस जसप्रीत सिंह ने यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया और उत्तर प्रदेश राज्य मेडिकल फैकल्टी और राज्य को अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
मामले को 07.07.2015 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।
केस टाइटल: अभिषेक और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य, डब्ल्यू.पी. (सी) संख्या 4395/2025

