PCS-J Exam 2022 'irregularities' | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UPPSC को सीलबंद लिफाफे में विवादित उत्तर पुस्तिकाएं पेश करने का निर्देश दिया

Amir Ahmad

7 Dec 2024 7:02 AM

  • PCS-J Exam 2022 irregularities | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UPPSC को सीलबंद लिफाफे में विवादित उत्तर पुस्तिकाएं पेश करने का निर्देश दिया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP-PCSJ (मुख्य) 2022 परीक्षा में गंभीर अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को याचिकाकर्ताओं की विवादित मूल उत्तर पुस्तिकाएं सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने आयोग को यह भी निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि सभी याचिकाकर्ताओं के अंक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएं, जिससे वे शुक्रवार तक उन्हें दिखाई दे सकें।

    जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस दोनादी रमेश की खंडपीठ द्वारा 6 दिसंबर, 2024 को जारी यह निर्देश PCS-J उम्मीदवारों-याचिकाकर्ताओं में मनमाने ढंग से अंक देने और अंकों के साथ अनधिकृत छेड़छाड़ के दावों के बीच आया।

    याचिकाओं की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए दो मुख्य मुद्दों की पहचान की: पहला, उन उत्तरों के लिए शून्य या उससे कम अंक दिए जाने का जिनके बारे में याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि वे सही थे।

    दूसरा, उन्हें दिए गए मूल अंकों में कथित अनधिकृत परिवर्तन।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने एडवोकेट शाश्वत आनंद के साथ तर्क दिया कि कई उम्मीदवारों को सही उत्तर देने के बावजूद गलत तरीके से शून्य या काफी कम अंक दिए गए। उन्होंने प्रारंभिक मूल्यांकन के बाद अंकों में जानबूझकर कमी के आरोपों को भी उजागर किया, जिससे UPPSC की परीक्षा प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और अखंडता पर सवाल उठे।

    इन चिंताओं का जवाब देते हुए न्यायालय ने UPPSC को तत्काल सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया।

    मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर, 2024 को होगी।

    यह मामला हाईकोर्ट में तब पहुंचा, जब एक अभ्यर्थी ने रिट याचिका दायर की।

    अभ्यर्थी ने मई 2023 में यूपी न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) (मुख्य) परीक्षा 2022 में भाग लिया था और दावा किया था कि अंग्रेजी मुख्य परीक्षा के पेपर में उसकी लिखावट में विसंगतियां हैं। इसके बाद समान स्थिति वाले अभ्यर्थियों द्वारा कई याचिकाएं दायर की गईं और उन्हें एक साथ जोड़ दिया गया।

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