हाथरस बलात्कार पीड़िता के परिवार के पुनर्वास पर 8 जनवरी तक निर्णय लें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया

Amir Ahmad

4 Dec 2024 11:11 AM IST

  • हाथरस बलात्कार पीड़िता के परिवार के पुनर्वास पर 8 जनवरी तक निर्णय लें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह 8 जनवरी तक निर्णय ले और हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या पीड़िता के परिवार के सदस्यों के पुनर्वास (गाजियाबाद या नोएडा में) के संबंध में अदालत को अवगत कराए।

    जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने परिवार को इस संबंध में हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट को औपचारिक आवेदन करने का निर्देश दिया। बदले में अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट को मामले पर जल्द से जल्द निर्णय लेने और यदि आवश्यक हो तो अंतिम निर्णय के लिए आवेदन को राज्य सरकार को भेजने के लिए कहा।

    राज्य के वकील प्रांजल कृष्ण ने प्रस्तुत किया कि इसी तरह का एक मुद्दा वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसमें परिवार ने दिल्ली में ट्रांसफर की मांग की। इसके बाद यह निर्देश जारी किया गया।

    राज्य के वकील ने आगे उल्लेख किया कि परिवार ने गाजियाबाद या नोएडा में ट्रांसफर का अनुरोध करते हुए कोई औपचारिक आवेदन प्रस्तुत नहीं किया। हालांकि उनके वकील एडवोकेट महमूद प्राचा ने मामले की पिछली सुनवाई के दौरान उनके ट्रांसफर का अनुरोध किया।

    इस मामले को देखते हुए कोर्ट ने पीड़ित परिवार से कहा कि वह भारत के सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित SLP के समक्ष अपने अधिकारों के प्रति पूर्वाग्रह के बिना संबंधित डीएम के समक्ष औपचारिक आवेदन प्रस्तुत करें। संबंधित डीएम को निर्देश दिया गया है कि वे या तो स्वयं निर्णय लें या मामले को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेजें।

    अदालत ने आगे निर्देश दिया कि 8 जनवरी 2025 को होने वाली अगली सुनवाई तक निर्णय से अदालत को अवगत कराया जाए।

    गौरतलब है कि करीब ढाई साल पहले हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह परिवार को हाथरस से बाहर राज्य के भीतर किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने पर विचार करे, जिसमें उनके सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास और बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए।

    हाथरस बलात्कार और दाह संस्कार मामले पर 2020 में दर्ज किए गए स्वत: संज्ञान मामले में यह निर्देश जारी किया गया, जिससे गरिमापूर्ण और सम्मानजनक अंतिम संस्कार/दाह संस्कार के अधिकार की जांच की जा सके।

    अदालत ने एससी समुदाय से संबंधित 19 वर्षीय लड़की के बलात्कार का संज्ञान लिया था। इसके बाद 29/30 सितंबर 2020 की दरम्यानी रात को उसका दाह संस्कार कर दिया गया, जो उसके परिवार के सदस्यों की इच्छा के विरुद्ध प्रतीत होता था।

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