यूपी लघु खनिज अधिनियम | आशय पत्र रद्द होने के बाद जमा राशि जब्त करने की अनुमति नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

5 Jun 2024 10:55 AM GMT

  • यूपी लघु खनिज अधिनियम | आशय पत्र रद्द होने के बाद जमा राशि जब्त करने की अनुमति नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

    उत्तर प्रदेश लघु खनिज (रियायत) अधिनियम की जांच करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि एक बार खनन पट्टे के लिए आशय पत्र जारी कर दिया गया है और सिक्योरिटी जमा कर दिया गया है, तो संबंधित प्राधिकारी के पास आशय पत्र को रद्द करने पर पट्टेदार द्वारा की गई ऐसी जमा राशि को जब्त करने का अधिकार नहीं है।

    ज‌स्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा, "प्रस्तुत किए गए प्रस्तुतीकरणों पर विचार करने और उत्तर प्रदेश लघु खनिज (रियायत) नियम, 2017 और 2019 की सावधानीपूर्वक जांच करने पर, हम जब्ती की कोई शक्ति नहीं देख पा रहे हैं।"

    मामले में प्रतिवादी के वकील ने प्रस्तुत किया था कि आरोपित आदेश उ.प्र. उप खनिज (रियायत) (सैंतालीसवां संशोधन) नियमावली, 2019 का नियम 34(5) के उल्लंघन के लिए पारित किया गया था।

    हालांकि, न्यायालय ने पाया कि प्रतिवादी कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं बता पाए, जिसके तहत उन्हें याचिकाकर्ता की जमा राशि राज्य के पक्ष में जब्त करने का अधिकार दिया गया हो।

    यू.पी. लघु खनिज (रियायत) नियम, 2017 और 2019 की जांच करते हुए न्यायालय ने माना कि प्रतिवादियों के हाथ में जब्ती का कोई अधिकार नहीं है और जमा की गई राशि याचिकाकर्ता को वापस की जानी चाहिए।

    कोर्ट ने कहा,

    “याचिकाकर्ता द्वारा वर्ष 2017 में जमा की गई राशि, क्योंकि आशय पत्र 28.01.2019 को रद्द कर दिया गया था, सुरक्षा जमा और रॉयल्टी की पहली किस्त, जो याचिकाकर्ता द्वारा आशय पत्र रद्द करने पर जमा की गई थी, वापस की जाने योग्य है।

    प्रतिवादियों ने इस राशि को वापस करने के बजाय, गलत और अवैध तरीके से और ऐसा करने की किसी भी शक्ति के अभाव में इसे जब्त कर लिया है।”

    न्यायालय ने माना कि याचिकाकर्ता जमा की गई राशि पर ब्याज पाने का हकदार है। यह माना गया कि ब्याज की गणना याचिकाकर्ता द्वारा प्रार्थना के अनुसार 9% की दर से की जाएगी।

    इस प्रकार, रिट याचिका को अनुमति दी गई।

    केस टाइटल: मेसर्स दीप बिल्डर्स और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और 2 अन्य [WRIT-C Number- 33710 of 2021]

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

    Next Story