इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के सभी वकीलों के लिए बीमा योजना बनाने पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल से जवाब मांगा

Amir Ahmad

8 Aug 2024 7:18 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के सभी वकीलों के लिए बीमा योजना बनाने पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल से जवाब मांगा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य बार काउंसिल से राज्य के सभी एडवोकेट जिनमें सरकारी एडवोकेट भी शामिल हैं, उनके लिए बीमा योजना बनाने के प्रस्ताव पर जवाब मांगा।

    जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने प्रस्ताव दिया कि उत्तर प्रदेश में स्थानीय बार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के मार्गदर्शन में वकीलों के लिए बीमा पॉलिसी लागू कर सकते है, जिससे राज्य भर में नियमित रूप से प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट बार काउंसिल स्थानीय बार एसोसिएशन और बीमा कंपनी के बीच सहमत शर्तों के आधार पर बीमा या मेडी-क्लेम लाभ प्राप्त कर सकें।

    खंडपीठ ने कहा,

    “हमें उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल इस संबंध में कुछ रचनात्मक और सकारात्मक योजना लेकर आएगी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि इसमें सरकारी एडवोकेट भी शामिल होंगे। इसलिए इस संबंध में सरकार पर भार नहीं डाला जाएगा। न्यायालय ने यह भी सुझाव दिया कि बीमा कंपनी की ओर से पेश होने वाले वकीलों की सेवाओं का उपयोग इस संबंध में किया जा सकता है। “

    खंडपीठ ने यह आदेश पार्टी-इन-पर्सन आलोक कुमार मिश्रा द्वारा राज्य के वकीलों के लिए बीमा लाभ की मांग करते हुए दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए पारित किया। जनहित याचिका अन्य याचिका से जुड़ी हुई है, जो प्रैक्टिशनर हाईकोर्ट एडवोकेट (हरि प्रसाद गुप्ता) द्वारा राज्य विधि अधिकारी (नीरज चौरसिया) के संबंध में दायर की गई, जो हाल ही में एक गंभीर सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। यह देखते हुए कि यह सामान्य रूप से वकीलों और विशेष रूप से राज्य विधि अधिकारियों से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दा है

    न्यायालय ने व्यापक हित में इस मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया। जून में मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अवध बार एसोसिएशन को उसके महासचिव के माध्यम से और यूपी-बार काउंसिल को उसके सचिव के माध्यम से नोटिस जारी किए।

    अवध बार एसोसिएशन के सचिव वकील मनोज द्विवेदी ने खंडपीठ को अवगत कराया कि कार्यकारिणी एसोसिएशन के सदस्यों के लिए समूह बीमा पर विचार कर रही है। इस संबंध में लिए गए निर्णय से पीठ को अवगत कराया जाएगा।

    याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि यह पूरे उत्तर प्रदेश में वकालत करने वाले वकीलों से जुड़ा मुद्दा है। इसलिए बार काउंसिल ऑफ यूपी को इस मामले पर निर्णय लेना चाहिए।

    इस पर न्यायालय ने बार काउंसिल से अगली तिथि (15 अक्टूबर) से पहले मामले में जवाब देने को कहा।

    केस टाइटल - आलोक कुमार मिश्रा @ आलोक कुमार मिश्रा बनाम भारत संघ के माध्यम से सचिव, विधि एवं न्याय मंत्रालय, नई दिल्ली और अन्य

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