प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए 'अभिशाप': इलाहाबाद हाईकोर्ट
Shahadat
31 Oct 2024 10:11 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए अभिशाप है। इसे कानून के अनुसार उचित उपाय करके रोका जाना चाहिए।
न्यायालय ने राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से हलफनामा भी मांगा, जिसमें इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में उठाए गए कदमों और शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा शिक्षकों की अनुपस्थिति को रोकने के लिए प्रस्तावित उपायों के बारे में बताया गया हो।
जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने मऊ जिले की प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका द्रौपदी देवी द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार करते हुए यह प्रासंगिक टिप्पणी की।
उन्होंने विद्यालय से कथित रूप से अनुपस्थित रहने के कारण राज्य सरकार द्वारा उनका वेतन रोकने के आदेश को चुनौती देते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने जज के समक्ष यह प्रस्तुत करके उनका वेतन रोकने के निर्णय को उचित ठहराया कि याचिकाकर्ता नियमित रूप से अपने कर्तव्यों से अनुपस्थित रहती थीं, जिससे विद्यालय का शैक्षणिक कार्य बाधित होता था और उसका भविष्य खतरे में पड़ता था।
इस दलील के मद्देनजर, न्यायालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से पेश वकील को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि बिना स्वीकृत अवकाश के अनुपस्थित रहने के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
न्यायालय ने यह भी जानना चाहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए। मामले की अगली सुनवाई अब 26 नवंबर को होगी।
केस टाइटल- द्रौपदी देवी बनाम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और 4 अन्य