कमलेश तिवारी हत्याकांड | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2019 से जेल में बंद कथित साजिशकर्ता को जमानत दी

Amir Ahmad

19 Dec 2024 12:26 PM IST

  • कमलेश तिवारी हत्याकांड |  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2019 से जेल में बंद कथित साजिशकर्ता को जमानत दी

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में अक्टूबर 2019 से जेल में बंद व्यक्ति को जमानत दी, जिसने कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर 2019 में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रची थी।

    आरोपी पठान राशिद अहमद को जमानत देते हुए जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने कहा कि उसका इस मामले के अलावा कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उसने हमेशा जांच में सहयोग किया और मुकदमे की कार्यवाही में शामिल होने का वचन दिया। अदालत ने यह भी कहा कि उसके गवाहों को प्रभावित करने सबूतों से छेड़छाड़ करने या फिर से अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।

    अहमद ने तत्काल दूसरी जमानत याचिका दायर की थी जिसमें तर्क दिया गया कि उसने वीडियो में हत्या करने वाले दो मुख्य अपराधियों में से किसी की भी पहचान नहीं की। यह भी तर्क दिया गया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर धार्मिक घृणा या हिंसा भड़काने सहित कोई भड़काऊ संदेश अपलोड नहीं किया।

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि सबूत का एकमात्र आरोपणीय टुकड़ा पुलिस अधिकारियों के समक्ष सह-अभियुक्त का बयान है जबकि बाद में हिरासत में था। हालांकि, उक्त बयान जहां तक ​​आवेदक को फंसाता है वह साक्ष्य में स्वीकार्य नहीं है।

    इन दलीलों पर विचार करते हुए एकल जज ने उन्हें जमानत दे दी।

    2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई लखनऊ से प्रयागराज ट्रांसफर कर दी थी।

    कमलेश तिवारी की अक्टूबर 2019 में लखनऊ में चाकू घोंपकर और गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, 2016 में, दो मुख्य संदिग्धों मोहम्मद मुफ्ती नईम काज़मी और इमाम मौलाना अनवारुल हक ने कथित तौर पर एक आदेश (फ़रमान) जारी किया जिसमें बड़ी रकम - 51 लाख रुपये और 10 लाख रुपये का वादा किया गया था।

    1.5 करोड़ रुपये - किसी भी व्यक्ति को जो तिवारी की हत्या का कारण बनेगा जिसने कथित तौर पर पैगंबर के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।

    एक विस्तृत जांच के अनुसार न केवल दो हमलावरों की पहचान की गई, बल्कि एक बड़ी साजिश का भी पता चला, और अंत में आवेदक सहित 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक को कई चाकू के घाव मिले, जिसमें गला काटना और बन्दूक से चोट लगना शामिल है।

    केस टाइटल - पठान रशीद अहमद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

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