विधेयक/नियमों का अंग्रेज़ी वर्ज़न ही मान्य, हिंदी अनुवाद नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
Amir Ahmad
2 Sept 2025 11:28 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी विधेयक आदेश या सेवा नियमावली के अंग्रेज़ी संस्करण को ही अधिकृत और प्रभावी माना जाएगा, न कि उसके हिंदी अनुवाद को।
जस्टिस मनीष माथुर ने यह निर्णय यूपी औद्योगिक शिक्षण संस्थान (अनुदेशक) सेवा नियमावली, 2014 से जुड़े मामले की सुनवाई में दिया। अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 348(3), सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों और इलाहाबाद हाईकोर्ट की फुल बेंच के फैसले (रामरती बनाम ग्राम समाज जेहवा) के अनुसार अंग्रेज़ी संस्करण को प्राथमिकता दी जाएगी।
याचिकाकर्ता माया शुक्ला माया मिश्रा ने कटिंग स्विंग प्रशिक्षक पद की चयन सूची में नाम जोड़ने की मांग की। उनका तर्क था कि हिंदी नियमावली के अनुसार वे पात्र थीं। लेकिन राज्य सरकार ने अंग्रेज़ी संस्करण का हवाला देते हुए उनकी पात्रता को खारिज किया।
अदालत ने पाया कि अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों संस्करणों में राष्ट्रीय व्यापार प्रमाणपत्र परीक्षा/राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रमाणपत्र परीक्षा के अंकों की मान्यता को लेकर विरोधाभास है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में संविधान के अनुसार अंग्रेज़ी संस्करण ही प्रभावी होगा।
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा,
“जब राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किसी क़ानून के अंग्रेज़ी और स्थानीय भाषा संस्करण में विरोध हो तो अंग्रेज़ी संस्करण ही प्रभावी रहेगा।”
केस टाइटल: माया शुक्ला @ माया मिश्रा बनाम सचिव/परीक्षा नियंत्रक, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ व अन्य

