गुजरात हाईकोर्ट ने Google India को यूजर के अकाउंट को ‌डिलीट करने से रोका, ड्राइव पर कथित 'बाल दुर्व्यवहार' की तस्वीर अपलोड करने का आरोप

LiveLaw News Network

4 April 2024 3:31 PM GMT

  • गुजरात हाईकोर्ट ने Google India को यूजर के अकाउंट को ‌डिलीट करने से रोका, ड्राइव पर कथित बाल दुर्व्यवहार की तस्वीर अपलोड करने का आरोप

    गुजरात हाईकोर्ट ने गूगल इंडिया से जुड़े एक मामले में हस्तक्षेप करते हुए 24 वर्षीय इंजीनियर नील समीर शुक्ला का गूगल अकाउंट डिलीट करने से गूगल को रोक दिया है। कथित तौर पर अपने गूगल ड्राइव पर बचपन की तस्वीरें अपलोड करने के बाद शुक्ला के अकाउंट को लॉक कर दिया गया था। अपलोड की गई एक तस्वीरों में एक तस्वीर ऐसी थी, जिसमें दो साल की उम्र में उनकी दादी उन्हें नहला रही थीं।

    जस्टिस वीडी नानावटी ने कहा,

    ''इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता जी-मेल, गूगल पे, यूपीआई या ऐसी अन्य सुविधाओं का उपयोग करने की स्थिति में नहीं है, जिनके लिए गूगल एकाउंट होना जरूरी है, इस तथ्‍य पर विचार करते हुए कि उन्होंने गूगल को एक कानूनी नोटिस (03 अगस्त, 2023 को) को भेजा है और प्रतिवादी ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है, अंतरिम राहत के रूप में अगले आदेश तक उनके Google खाते और Google आईडी से जुड़े Google डेटा को नष्ट न करने का निर्देश दिया जाता है।”

    शुक्ला 2013 से Google एकाउंट होल्डर हैं। 11 मई, 2023 को उन्हें एक नोटिफिकेशन के जरिए सूचित किया गया कि उनका खाता संभावित बाल यौन शोषण या शोषण से संबंधित "स्पष्ट सामग्री" के कारण ब्लॉक कर दिया गया है। ऐसा कथित तौर पर उनकी ओर से अपलोड की गई तस्वीर के कारण हुआ था।

    सुनवाई के दौरान, शुक्ला के वकील दीपेन देसाई ने अदालत को सूचित किया कि Google ने 4 अप्रैल, 2024 तक शुक्ला के खाते से डेटा हटाने के अपने इरादे को ईमेल के माध्यम से बताया था। देसाई ने अदालत से अनुरोध किया कि वह डेटा हटाने की प्रक्रिया को रोक दे। इसके बाद, अदालत ने पूछताछ की कि क्या खाता स्वचालित रूप से या किसी शिकायत के जवाब में निष्क्रिय कर दिया गया था और क्या शुक्ला को आसन्न डेटा हटाए जाने की सूचना देने वाला ईमेल वैध था या स्पैम था।

    देसाई ने बताया कि बचपन की तस्वीरें अपलोड करने के बाद शुक्ला का खाता सस्पेंड कर दिया गया था। उन तस्वीरों में कुछ में उनकी दादी उन्हें नहला रही हैं, जिन्हें बाल अश्लील सामग्री के रूप में चिह्नित किया गया था। देसाई ने आगे कहा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारों से सहायता मांगने के बावजूद, शुक्ला के प्रयास व्यर्थ रहे, और परिणामस्वरूप, अपने व्यवसाय के लिए Google Pay जैसी सेवाओं तक शुक्ला की पहुंच गंभीर रूप से बाधित हो गई।

    इन घटनाक्रमों के आलोक में, जस्टिस नानावटी ने स्थिति की गंभीरता और याचिकाकर्ता की आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने में असमर्थता को स्वीकार करते हुए, Google को अगले आदेश तक शुक्ला के खाते को स्थायी रूप से नहीं हटाने का निर्देश दिया। अगस्त 2023 में, याचिकाकर्ता ने Google को कानूनी नोटिस भेजा लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। 15 मार्च को, उनकी याचिका के अनुसार, हाईकोर्ट ने एक नोटिस जारी किया लेकिन कंपनी ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।

    हाईकोर्ट ने इस मामले में कंपनी और अन्य को नोटिस जारी किया था।

    केस टाइटलः नील समीर शुक्ला बनाम यूनियन ऑफ इंडिया

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