हाशिये पर पड़े समुदायों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण व्यवहार का जोखिम: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने FIR में आरोपी की जाति के उल्लेख पर DGP से सवाल किया

Amir Ahmad

5 March 2025 8:57 AM

  • हाशिये पर पड़े समुदायों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण व्यवहार का जोखिम: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने FIR में आरोपी की जाति के उल्लेख पर DGP से सवाल किया

    FIR में आरोपी की जाति के उल्लेख के बारे में महत्वपूर्ण चिंता जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को FIR में जाति की जानकारी शामिल करने और पुलिस जांच के दौरान इसकी प्रासंगिकता को उचित ठहराते हुए व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    जस्टिस विनोद दिवाकर की पीठ ने स्पष्टीकरण मांगा, क्योंकि उसने पाया कि संस्थागत पूर्वाग्रह, रूढ़िवादिता को मजबूत करने की क्षमता और हाशिये पर पड़े समुदायों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण व्यवहार के जोखिम को लेकर चिंता बढ़ रही है।

    न्यायालय के आदेश में कहा गया,

    "पुलिस महानिदेशक को अगली सुनवाई की तारीख से पहले व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें जाति-ग्रस्त समाज में FIR में या पुलिस जांच के दौरान किसी संदिग्ध या व्यक्तियों के समूह की जाति का उल्लेख करने की आवश्यकता और प्रासंगिकता को उचित ठहराया जाए, जहां सामाजिक विभाजन कानून प्रवर्तन प्रथाओं और सार्वजनिक धारणा को प्रभावित करते रहते हैं।"

    न्यायालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि संविधान भारत में जाति-आधारित भेदभाव के उन्मूलन की गारंटी देता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी दलीलों में जाति और धर्म का उल्लेख करने की प्रथा की निंदा की है।

    न्यायालय ने कहा कि DGP के हलफनामे में यह बताया जाना चाहिए कि जाति का ऐसा संदर्भ किसी कानूनी आवश्यकता को पूरा करता है या अनजाने में प्रणालीगत भेदभाव को बढ़ावा देता है, जो संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने वाले न्यायिक उदाहरणों का खंडन करता है।

    न्यायालय मुख्यतः प्रवीण छेत्री नामक व्यक्ति द्वारा दायर FIR निरस्तीकरण याचिका पर विचार कर रहा था, जिस पर IPC की धारा 420, 467, 468 और 471 के साथ आबकारी अधिनियम की धारा 60/63 के तहत मामला दर्ज किया गया।

    यह मामला इटावा जिले में कथित शराब तस्करी अभियान से संबंधित है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आवेदक गिरोह का सरगना है, जो हरियाणा से शराब लाता है और लाभ के लिए इसे बिहार में ऊंचे दामों पर बेचता है। परिवहन के दौरान अपने वाहनों की नंबर प्लेट अक्सर बदलता रहता है।

    FIR का अवलोकन करते हुए न्यायालय ने पाया कि पुलिस ने आवेदक सहित कुछ लोगों को मौके पर ही पकड़ लिया। बाद में गिरफ्तार कर लिया और सभी आरोपियों की जाति का उल्लेख FIR में किया गया। जिसके अनुसरण में यूपी DGP का हलफनामा मांगा गया।

    इस मामले की अब 12 मार्च को नए सिरे से सुनवाई होगी।

    केस टाइटल - प्रवीण छेत्री बनाम यूपी राज्य और अन्य

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