इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय से प्रतिनिधित्व की स्थिति के बारे में पूछा

Amir Ahmad

25 Sep 2024 8:45 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय से प्रतिनिधित्व की स्थिति के बारे में पूछा

    कर्नाटक के BJP सदस्य द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत संघ से राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग करते हुए नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत सक्षम प्राधिकारी को पीआईएल याचिकाकर्ता द्वारा भेजे गए प्रतिनिधित्व-सह-शिकायत पर प्रस्तावित निर्णय के बारे में पूछा है।

    उक्त याचिका में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता की CBI जांच की मांग की गई है।

    जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने एएसजी सूर्यभान पांडे को मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया, क्योंकि याचिका याचिकाकर्ता (एस. विग्नेश शिशिर) ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दावा किया कि उन्होंने गृह मंत्रालय के विदेशी प्रभाग को विस्तृत प्रतिनिधित्व-सह-शिकायत प्रस्तुत की, जिसमें गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने का अनुरोध किया गया।

    विभाग ने यह आदेश इस बात पर गौर करने के बाद पारित किया कि इसी तरह की एक जनहित याचिका (उसी याचिकाकर्ता द्वारा) पहले भी दायर की गई, जिसे वापस लिए जाने के रूप में खारिज कर दिया गया था। साथ ही याचिकाकर्ता को नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत सक्षम प्राधिकारी से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी गई थी, जहां तक ​​कानून में इसकी अनुमति है।

    मामला न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए आया तो जनहित याचिका दायर करने वाले ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि उनकी पिछली याचिका (इस वर्ष जुलाई में) के खारिज होने के बाद उन्होंने नागरिकता नियम 2009 के नियम 40 (2) तथा 2009 के नियमों की अनुसूची III के साथ 1955 अधिनियम की धारा 9 (2) के नियमों तथा विनियमों के अनुसार गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी के समक्ष दो अभ्यावेदन प्रस्तुत किए।

    संदर्भ के लिए 2009 के नियमों की धारा 40 केंद्र सरकार के उस अधिकार से संबंधित है, जिसके तहत वह यह निर्धारित कर सकता है कि भारत के किसी नागरिक ने किसी अन्य देश की नागरिकता कब, कैसे या कैसे प्राप्त की है।

    जनहित याचिका दायर करने वाले ने गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता की CBI जांच की मांग करते हुए प्रार्थना पर जोर देने की मांग की तो खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इस समय वह केवल इस बात से चिंतित है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को उक्त अभ्यावेदन प्राप्त हुआ है या नहीं तथा इस पर क्या कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।

    अदालत ने ASG को मामले में निर्देश मांगने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई सोमवार 30 सितंबर को तय की।

    PIL याचिका में किए गए दावे

    याचिकाकर्ता विग्नेश ने अपनी PIL याचिका में दावा किया कि हाईकोर्ट द्वारा उनकी पिछली PIL याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के समक्ष विस्तृत प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया जो अभी भी लंबित है।

    उनकी PIL याचिका में यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मुद्दे पर विस्तृत जांच की कई नए इनपुट प्राप्त किए और गांधी के नागरिकता रिकॉर्ड के बारे में विवरण मांगने के लिए UK सरकार को ईमेल भेजे।

    इस प्रक्रिया में याचिका में आगे कहा गया कि उन्हें पता चला कि UK सरकार को पहले ही VSS सरमा (प्रतिवादी नंबर 14) से 2022 में विवरण मांगने का अनुरोध प्राप्त हो चुका है। उसके बाद उन्होंने (PIL याचिकाकर्ता-विग्नेश) सरमा से संपर्क किया, जो UK सरकार से प्राप्त गोपनीय ईमेल साझा करने के लिए सहमत हुए।

    जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि उन गोपनीय ईमेल (वर्ष 2022 के) में UK सरकार ने संकेत दिया कि उसके पास राहुल गांधी की ब्रिटिश राष्ट्रीयता के रिकॉर्ड हैं। इस तरह के व्यक्तिगत डेटा को देश के डेटा संरक्षण अधिनियम 2018 के अनुसार UK जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। हालांकि याचिका में यह भी कहा गया कि कथित मेल में आगे कहा गया कि सरकार गांधी के बारे में तब तक जानकारी नहीं दे सकती, जब तक कि UK सरकार को गांधी से हस्ताक्षरित अधिकार पत्र नहीं मिल जाता।

    इस पृष्ठभूमि में जनहित याचिका में दावा किया गया कि UK सरकार का कथित मेल इस बात की पूर्ण स्वीकृति है कि गांधी यूनाइटेड किंगडम के नागरिक हैं।

    जनहित याचिका में अनुरोध किया गया कि CBI मामले की विस्तृत जांच करे भारत में सक्षम न्यायालय से अनुरोध पत्र प्राप्त करे और गांधी की नागरिकता के संबंध में ब्रिटेन सरकार के पास उपलब्ध सभी सरकारी रिकॉर्ड और जानकारी निकाले।

    याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश और रिटर्निंग अधिकारी रायबरेली को गांधी का निर्वाचन प्रमाण पत्र रद्द करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

    गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

    Next Story