इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों द्वारा जाति-आधारित रैलियां आयोजित करने पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा

Amir Ahmad

10 Sept 2025 4:21 PM IST

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों द्वारा जाति-आधारित रैलियां आयोजित करने पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ पीठ) ने पिछले सप्ताह भारत संघ और उत्तर प्रदेश सरकार को 2013 की जनहित याचिका (पीआईएल) पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा जाति-आधारित रैलियां आयोजित करने के संबंध में अपना रुख स्पष्ट किया गया।

    जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने एडवोकेट मोती लाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।

    जनहित याचिका में जाति-आधारित रैलियां आयोजित करने वाली सभी राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने और भारत के चुनाव आयोग (ECI) को ऐसी रैलियां आयोजित करने वाले राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई।

    2013 में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और अन्य राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया और उत्तर प्रदेश में ऐसी सभी जाति-आधारित रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के अंतरिम निर्देश दिए थे।

    जनहित याचिका में शामिल किसी भी राजनीतिक दल द्वारा अब तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया।

    वर्ष 2023 में चुनाव आयोग ने न्यायालय को सूचित किया कि उसके पास गैर-चुनावी अवधि में राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित जाति-आधारित रैलियों पर प्रतिबंध लगाने या उन्हें बाद के चुनावों में भाग लेने से प्रतिबंधित करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।

    3 सितंबर, 2025 को न्यायालय ने याचिकाकर्ता से व्यक्तिगत रूप से भारत संघ की ओर से उपस्थित एडवोकेट अश्विनी कुमार सिंह को याचिकाओं की कॉपी उपलब्ध कराने को कहा, जिन्हें रिट याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया, जिसमें जाति आधारित रैली आयोजित करने के संबंध में भारत संघ का रुख स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हो।

    खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में अपना रुख स्पष्ट करते हुए विशिष्ट हलफनामा दाखिल करने को भी कहा।

    इसके अलावा मामले को अक्टूबर, 2025 के दूसरे सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि तब तक जवाब दाखिल नहीं किए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों को इस तथ्य के मद्देनजर तलब किया जाएगा कि याचिका काफी समय से लंबित है।

    केस टाइटल - मोती लाल यादव बनाम मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग एवं अन्य।

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