इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा पुलिस आयुक्त को BNS पर जांच अधिकारियों के लिए रिफ्रेशर कोर्स पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया
Amir Ahmad
31 July 2024 7:00 AM

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा संभाग के पुलिस आयुक्त को नव अधिनियमित भारतीय न्याय संहित 2023 (BNS) के संबंध में आयुक्तालय के भीतर जांच अधिकारियों को प्रदान किए गए रिफ्रेशर कोर्स का विवरण देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने दहेज-क्रूरता और बलात्कार के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए 7 आरोपियों द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर विचार करते हुए यह हलफनामा मांगा।
मामला जब पीठ के समक्ष आया तो आरोपी के वकील ने कहा कि यद्यपि आरोपित एफआईआर 9 जुलाई 2024 को दर्ज की गई लेकिन भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों को लागू किया गया। इस तथ्य के बावजूद कि BNS ने पहले ही IPC की जगह ले ली है।
इस दलील के मद्देनजर न्यायालय ने आगरा संभाग आगरा के पुलिस आयुक्त को नए अधिनियम के संबंध में आयुक्तालय में सभी जांच अधिकारियों के लिए आयोजित रिफ्रेशर कोर्स के संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। मामले के संबंध में न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों को ध्यान में रखा, जिन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता नंबर 5, सूचनाकर्ता के ससुर के भाई को बलात्कार के आरोप में झूठा फंसाया गया, क्योंकि वह पक्षों के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहा था।
उन्होंने तर्क दिया कि मामले को संभावित समझौते के लिए हाईकोर्ट के मध्यस्थता केंद्र को भेजा जाना चाहिए। इसे देखते हुए न्यायालय ने पक्षकारों को 1 अगस्त 2024 को सुबह 11:00 बजे मध्यस्थता केंद्र के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता को मध्यस्थता के समय पीड़िता को 20,000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। आदेश दिया कि 22 अक्टूबर 2024 को अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
केस टाइटल- शहनाज़ और 6 अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और 2 अन्य