लंबित आपराधिक मामले वाले नागरिक को पासपोर्ट जारी करने के लिए न्यायालय की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

Amir Ahmad

22 July 2024 7:02 AM GMT

  • लंबित आपराधिक मामले वाले नागरिक को पासपोर्ट जारी करने के लिए न्यायालय की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 (PassPort Act) के तहत लंबित आपराधिक मामलों वाले नागरिक को पासपोर्ट जारी करने के लिए न्यायालय की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

    जस्टिस आलोक माथुर और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने कहा,

    “जहां आपराधिक मामले लंबित हैं, वहां भारतीय पासपोर्ट एक्ट के तहत पासपोर्ट जारी करने के लिए सक्षम न्यायालय से पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उक्त एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।”

    याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि उसके खिलाफ धारा 323, 504, 506 आईपीसी के तहत आपराधिक मामले लंबित हैं। आईपीसी की धारा 323, 504, 506, 427, 336 के तहत पी.एस. कादीपुर, जिला सुल्तानपुर के कारण उनके पासपोर्ट के लिए आवेदन पर निर्णय नहीं लिया जा रहा। तदनुसार, उसने अपने पासपोर्ट आवेदन पर निर्णय के लिए हाईकोर्ट से परमादेश रिट की मांग की।

    न्यायालय ने पाया कि पासपोर्ट एक्ट 1967 की धारा 5(2) के तहत पासपोर्ट प्राधिकरण पासपोर्ट जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी है। यदि पासपोर्ट के लिए आवेदन अस्वीकार किया जा रहा है तो कारणों को लिखित रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। एक्ट की धारा 6 में ऐसी परिस्थितियां प्रदान की गई, जब पासपोर्ट अस्वीकार किया जा सकता है। धारा 6(एफ) में प्रावधान है कि यदि आवेदक द्वारा किए गए कथित अपराध के संबंध में कार्यवाही भारत में आपराधिक न्यायालय के समक्ष लंबित है तो पासपोर्ट अस्वीकार किया जा सकता है।

    इसके अलावा न्यायालय ने पाया कि एक्ट की धारा 11 में पासपोर्ट प्राधिकरण के आदेश के विरुद्ध अपील का प्रावधान है।

    न्यायालय ने पाया कि दिनांक 10.10.2019 के सर्कुलर के पैराग्राफ 5 उप-खण्ड (i) में यह प्रावधान है कि पासपोर्ट प्राधिकरण ऐसी जांच करने के बाद पासपोर्ट जारी करने या अस्वीकार करने का लिखित निर्णय लेगा। यह माना गया कि न तो अधिनियम और न ही परिपत्र में पासपोर्ट प्रदान करने के लिए सक्षम न्यायालय की अनुमति का प्रावधान है।

    न्यायालय ने माना कि पासपोर्ट आवेदन पर पासपोर्ट प्राधिकरण द्वारा पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के अनुसार निर्णय लिया जाना चाहिए।

    तदनुसार, रिट याचिका को अनुमति दी गई।

    केस टाइटल- उमापति बनाम भारत संघ के माध्यम से सचिव विदेश मंत्रालय नई दिल्ली और 3 अन्य [रिट - सी संख्या - 5587/2024]

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