इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 गैर-कार्य शनिवारों को हाईकोर्ट कार्य दिवस घोषित करने पर बार से राय मांगी
Amir Ahmad
16 May 2025 1:13 PM IST

14 मई 2025 को जारी अपने आधिकारिक पत्र में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन एडवोकेट एसोसिएशन और अवध बार एसोसिएशन (लखनऊ पीठ) के अध्यक्ष और सचिव से राय मांगी।
इन दिनों इसका उपयोग 5 वर्ष से अधिक पुराने मामलों की सुनवाई के लिए किया जा सकता है।
यह पत्र राष्ट्रीय न्यायालय प्रबंधन प्रणाली (NCMS)-2024 की नीति एवं कार्य योजना के पैरा 49 (ii) में उल्लिखित अनुशंसा के अनुसरण में लिखा गया।
इसमें कहा गया,
"प्रत्येक माह का एक शनिवार 5 वर्ष से अधिक पुराने मामलों की सुनवाई के लिए नियत किया जा सकता है। यदि कोई हाईकोर्ट महीने के सभी शनिवारों को बंद रहता है, लेकिन लंबित मामलों की संख्या बहुत अधिक है तो 2025 के लिए कैलेंडर को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि वर्ष में कम से कम 12 कार्य दिवसों को शामिल किया जाए।"
बार निकायों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ प्रस्ताव पर विचार करेगी।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर अपनी चिंता व्यक्त की है। इस वर्ष फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में न्यायिक रिक्तियों को भरने पर जोर दिया था।
इसमें कहा गया,
“पिछले दो महीनों में हमें ऐसे कई रिट याचिकाएं देखने को मिली हैं, जो वादियों द्वारा दायर की गईं, जिनकी कार्यवाही पिछले तीन दशकों से इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है। इसमें हाईकोर्ट द्वारा मामले की शीघ्र सुनवाई के निर्देश देने की मांग की गई। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट मुकदमों से भरा पड़ा है। हमें बताया गया कि हाईकोर्ट के प्रत्येक माननीय न्यायाधीश के पास लगभग 15000 से 20000 मामले हैं। हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 160 है लेकिन दुर्भाग्य से आज यह 84 जजों के साथ काम कर रहा है। वादी अपने मामलों की सुनवाई और निर्णय का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वर्तमान में जनहित याचिका (पीआईएल) लंबित है, जिसमें हाईकोर्ट में सभी न्यायिक रिक्तियों को समय पर और समयबद्ध तरीके से शीघ्र भरने के लिए निर्देश देने की मांग की गई।
हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 160 होने के बावजूद केवल 88 जजों (चीफ जस्टिस सहित) के साथ काम चल रहा है।

