अगर इतना काम है तो ब्रीफ स्वीकार न करें: हाईकोर्ट ने सुनवाई में गैरहाज़िरी पर सरकारी वकील को KDA पैनल से हटाने का दिया आदेश

Amir Ahmad

1 Aug 2025 1:25 PM IST

  • अगर इतना काम है तो ब्रीफ स्वीकार न करें:  हाईकोर्ट  ने सुनवाई में गैरहाज़िरी पर सरकारी वकील को KDA पैनल से हटाने का दिया आदेश

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) के एक पैनल वकील को कोर्ट में उपस्थित न होने और मामले को अपने जूनियर को सौंपने के कारण पैनल से हटाने का निर्देश दिया।

    जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ राजस्व मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने पाया कि संबंधित वकील ने प्रतिवादी नंबर 1 से 3 की ओर से नोटिस स्वीकार किया था लेकिन सुनवाई के दौरान स्वयं उपस्थित नहीं हुए और उनकी जगह उनका जूनियर वकील कोर्ट में मौजूद था।

    इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की,

    "वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हैं और उनके जूनियर सहयोगी मौजूद हैं। वे चीफ स्टैंडिंग काउंसिल हैं और उन्हें राजस्व मामलों का कार्य आवंटित किया गया। यह कोर्ट राजस्व मामलों की सुनवाई कर रही है, फिर भी वे मौजूद नहीं हैं।"

    कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि KDA जैसे अर्ध-सरकारी निकाय की ओर से नियुक्त वकील को स्वयं ही मामलों में पेश होना चाहिए, न कि उन्हें जूनियरों के हवाले करना चाहिए।

    सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने KDA के उपाध्यक्ष को निर्देश दिया कि वह उस वकील को पैनल से हटाएं और किसी ज़िम्मेदार वकील की नियुक्ति करें, जो कम से कम कोर्ट में पेश हो सके।

    कोर्ट ने स्पष्ट कहा,

    "अगर वकील के पास इतना काम है कि वे कोर्ट में पेश नहीं हो सकते तो उन्हें KDA का ब्रीफ स्वीकार ही नहीं करना चाहिए।"

    इसके साथ ही कोर्ट ने प्रतिवादी नंबर 1 से 3 को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई तय तिथि पर करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आदेश की प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के विधि सचिव और विधिक सलाहकार (LR) को भेजी जाए।

    केस टाइटल: दीप्ति सचान बनाम विशेष अधिकारी, कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर नगर एवं अन्य

    Next Story