अवैध संबंध के आरोप में निलंबित डीएसपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत, यूपी सरकार के आदेश पर लगाई रोक
Amir Ahmad
13 May 2025 2:01 PM IST

उत्तर प्रदेश पुलिस के DSP रैंक के अधिकारी मोहम्मद मोसिन खान को बड़ी राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। खान पर आरोप था कि उन्होंने शादीशुदा होने के बावजूद एक अन्य महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे।
खान के खिलाफ IIT कानपुर की एक स्टूडेंटE द्वारा BNS की धारा 69 (छलपूर्वक यौन संबंध बनाना आदि) के तहत FIR दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद इस वर्ष मार्च में उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
निलंबन के आदेश को चुनौती देते हुए खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि यह आदेश बिना स्वतंत्र विचार के केवल अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) की सिफारिश के आधार पर 'यांत्रिक ढंग' से पारित किया गया।
वकील ने यह भी तर्क दिया कि खान पर एकमात्र आरोप अवैध संबंध रखने का है, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। मान भी लें कि यह आरोप सही है, तब भी यह उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 की धारा 29(1) के तहत 'दुराचार' की श्रेणी में नहीं आता।
यह भी साफ तौर पर कहा गया कि पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करना 'दुराचार' माना जाता है, लेकिन किसी अन्य महिला से केवल संबंध रखना (शादी किए बिना) उस रूप में 'दुराचार' नहीं कहलाता।
इसके अलावा, कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि FIR की जांच और चार्जशीट दाखिल करने की कार्यवाही पर भी हाईकोर्ट पहले ही रोक लगा चुका है।
इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए और विशेष रूप से 1956 के नियम 29(1) वर्ष 2015 के मामले: वी.एन. दैपुरिया बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, जिसमें कहा गया कि निलंबन की शक्ति केवल सिफारिश के आधार पर नहीं, बल्कि नियुक्ति प्राधिकारी की स्वतंत्र सोच के आधार पर होनी चाहिए तथा 2002 के निर्णय: शहजहां खान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, जिसमें कहा गया कि केवल किसी महिला के साथ रहना यह साबित नहीं करता कि वह उसकी पत्नी है>
इन सभी के मद्देनज़र जस्टिस करूनेश सिंह पवार की एकल पीठ ने यूपी सरकार के निलंबन आदेश पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी।
कोर्ट ने सरकारी वकील को चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई 2025 को होगी।
केस टाइटल: मोहम्मद मोसिन खान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य

