इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक्सटॉर्शन मामले में ADGP को तलब किया, कहा- मामला दबाया जा रहा है
Amir Ahmad
16 Oct 2025 3:38 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक्सटॉर्शन (जबरन वसूली) के मामले में कथित पुलिस निष्क्रियता और आरोपी हेड कॉन्स्टेबल के जांच अधिकारियों पर स्पष्ट प्रभाव को गंभीरता से लेते हुए वाराणसी के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और जांच की प्रगति का विवरण देते हुए व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए तलब किया।
जस्टिस अजय भनोट और जस्टिस गरिमा प्रसाद की खंडपीठ CBCID वाराणसी में तैनात हेड कॉन्स्टेबल रणधीर सिंह और रीना सिंह द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
FIR के अनुसार दोनों पर आरोप है कि उन्होंने प्रथम सूचनाकर्ता से जबरन 40 हस्ताक्षरित चेक और पांच कोरे हस्ताक्षरित कागजात ले लिए थे। इन चेकों को कथित तौर पर विभिन्न सहयोगियों द्वारा भुनाया जा रहा था और बार-बार पेश किया जा रहा था ताकि सूचनाकर्ता को अंतहीन मुकदमेबाजी में घसीटकर पैसे वसूलने और ज़बरन वसूली के लिए मजबूर किया जा सके। दोनों पर BNS (भारतीय न्याय संहिता) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
कोर्ट ने पाया कि 25 सितंबर, 2025 को अपने पिछले निर्देश के बावजूद जब आरोपियों को गिरफ्तारी से सुरक्षा भी दी गई थी, राज्य के वकील मामले में आवश्यक निर्देश प्राप्त करने में विफल रहे।
इस चूक पर संज्ञान लेते हुए खंडपीठ ने टिप्पणी की,
"प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता का जांच अधिकारियों पर काफी प्रभाव है और पुलिस अधिकारी स्पष्ट रूप से सरकारी वकील को अपेक्षित निर्देश प्रदान करने में विफल होकर मामले को ढंक रहे हैं।"
आरोपों की गंभीरता और स्थानीय पुलिस के स्पष्ट गैर-सहयोग को देखते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि जांच की निगरानी ADG वाराणसी द्वारा व्यक्तिगत रूप से और नियमित आधार पर की जाए। ADG को अगली सुनवाई की तारीख (10 दिसंबर) पर व्यक्तिगत हलफनामे के साथ उपस्थित होने का भी आदेश दिया गया।
खंडपीठ ने 25 सितंबर को पहले दी गई अंतरिम सुरक्षा (गिरफ्तारी से) को जारी रखने से भी इनकार कर दिया यह टिप्पणी करते हुए कि इससे चल रही जांच में बाधा आएगी।
तदनुसार, अंतरिम आदेश रद्द कर दिया गया।

