Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

शेयरधारकों के डेरिवेटिव मुक़दमे पर ग़ौर तभी जब कंपनी कोर्ट के क्षेत्राधिकार को माने : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network
27 Nov 2018 2:23 PM GMT
शेयरधारकों के डेरिवेटिव मुक़दमे पर ग़ौर तभी जब कंपनी कोर्ट के क्षेत्राधिकार को माने : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]
x

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी कंपनी के लाभ की रक्षा के लिए दायर किए जाने वाले डेरिवेटिव मुक़दमे पर ग़ौर तभी किया जा सकता है जब कंपनी कोर्ट के इस क्षेत्राधिकार को मानने के लिए तैयार है।

न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने अहमद अब्दुल्ला अहमद अल घूरेर बनाम स्टार हेल्थ एंड ऐलायड इंस्योरेंश कंपनी लिमिटेड के मामले में  इस माले की सुनवाई के बारे में मद्रास हाईकोर्ट के क्षेत्रीयन्यायाधिकार के मुद्दे पर ग़ौर कर रहा था। वादी द्वारा दायर यह मामला दुबई स्थित एक विदेशी कंपनी के डेरिवेटिव प्रकृति का है जो भारतीय कंपनी में अपने हितों की रक्षा के लिए उसने दायर की है।

हालाँकि, हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई उसके न्यायिक क्षेत्राधिकार में आता है, पर पीठ ने कहा कि यह मामला कोर्ट में टिक नहीं सकता।

वादी द्वारा दायर अपील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने खंडपीठ की इस दलील से सहमत हुआ कि जब विवाद कंपनी के शेयरधारकों के बीच किसी दूसरी कंपनी में शेयरधारण को लेकर हो तो सिर्फ़ बाद के कंपनी के सिर्फ़पंजीकृत कार्यालय के आधार पर इस मामले को क्षेत्राधिकार का जामा नहीं पहनाया जा सकता।

“हाईकोर्ट का यह कहना भी सही है कि किसी डेरिवेटिव कार्रवाई को प्रशासित करने वाले सिद्धांतों को लागू करने के लिए एक मौलिक जाँच ज़रूरी है - इस तरह की कार्रवाई क़ानून के तहत होनी चाहिए और इसकाविदेशी कंपनी के प्रति कोई फ़र्ज़ न हो जिसका इसमें हित है और जिसे भारत में लागू किया जा सके विशेषकर उस स्थिति में जब इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रावधान मौजूद हैं,” कोर्ट ने कहा।

कोर्ट ने कहा कि दुबई की अदालत पक्षकारों के बीच इस मामले को निपटाने का सही मंच होगा जो कि दुबई के ही रहने वाले हैं और मामला भी उसी कंपनी से जुदा है जो दुबई में ही स्थित है और वहीं पंजीकृत भी।

कोर्ट ने यह कहते हुए इस याचिका को ख़ारिज कर दिया।

 

Next Story