दिल्ली और NCR में प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शिकायतों पर काम ना करने वाली एजेंसियों पर हो कानूनी कार्रवाई

LiveLaw News Network

26 Nov 2018 4:37 PM GMT

  • दिल्ली और NCR में प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शिकायतों पर काम ना करने वाली एजेंसियों पर हो कानूनी कार्रवाई

    दिल्ली और NCR में प्रदूषण के मामले में चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो स्थानीय निकाय प्रदूषण संबंधी शिकायतों का समाधान करने में नाकाम रहती हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

    जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( CPCB) के हलफनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी ना किसी को जेल भेजा जाना चाहिए।

    दरअसल ASG ए एस नाडकर्णी ने CPCB का हलफनामा दाखिल करते हुए बताया था कि 1 से 24 नवंबर के बीच समीप एप पर 3337 शिकायतें मिली थीं जिनमें से 923 शिकायतों को दूर किया गया। 1248 शिकायतों को देखा गया और 349 की जांच शुरू की गई जबकि नोडल एजेंसी द्वारा 817 शिकायतों को देखा नहीं गया। इसी तरह सोशल मीडिया व ईमेल के जरिए 22 नवंबर तक 749 शिकायतें मिली जिनमें से 500 को देखा गया। शेष 249 को संबंधित नोडल एजेंसियों को दिया गया जिनकी छानबीन चल रही है।

    गौरतलब है कि 30 अक्तूबर को दिल्ली और NCR में प्रदूषण के हालात पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR में  10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाने और उन्हें जब्त करने के आदेश दिए थे।

    सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( CPCB) और परिवहन विभागों को ऐसे वाहनों की सूची वेबसाइट पर डालने का निर्देश दिया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने CPCB को ये भी  निर्देश दिया कि दिल्ली NCR में प्रदूषण संबंधी शिकायत दर्ज करने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाया जाए जिस पर लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकें।

    सुनवाई के दौरान जस्टिस लोकुर ने कहा, “ दिल्ली का प्रदूषण गंभीर, भयानक और दयनीय है। सैकड़ों लोगों को अपनी आजीविका कमाने के लिए  काम करना है। आप उन्हें क्या कहेंगे ? प्रदूषण में काम करके खुद को मार डालो? "

    सुप्रीम कोर्ट ने EPCA  को आपातकालीन परिस्थितियों पर पहले से तय उपाय करने को भी कहा। दरअसल EPCA की ओर से बताया गया कि प्रदूषण स्तर चिंताजनक है लेकिन सरकारें कदम नहीं उठा रही हैं।

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