आधार पर सोशल मीडिया हब : सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा, पहले अपने दावों का आधार दीजिए
LiveLaw News Network
23 Nov 2018 5:24 PM IST
आधार प्राधिकरण के सोशल मीडिया हब बनाने कथित कदम को चुनौती देने वाली जनहित याचिका दाखिल करने वाली पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस विधायक महुआ मोइत्रा से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले वो अदालत को सतुंष्ट करें कि इससे उन्हें किस तरह नागरिकों की गतिविधियों पर नजर रखने का संदेह है।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, “ प्रथम दृष्टया कोर्ट को संतुष्ट करिए कि ये सर्विलांस स्टेट है। साथ ही ये भी बताइए कि कैसे ये संदेह होता है कि सोशल मीडिया हब नागरिकों की निगरानी के लिए है।
पीठ ने दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
इससे पहले 11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आधार प्राधिकरण के कथित कदम को चुनौती देने वाली पीआईएल पर अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को अपना जवाब दाखिल करने को कहा था जिसमें आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब आदि पर नागरिकों की गतिविधियों की निगरानी के लिए एक निजी एजेंसी की सेवाएं लेने के लिए टेंडर जारी किया गया है।
वहीं AG ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वो याचिकाकर्ता के दिए सुझाव नोट को समायोजित कर एक हलफनामा दाखिल करेंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि वो तृणमूल कांग्रेस विधायक महुआ मोइत्रा के सुझाव पर विचार करने को तैयार है।
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस विधायक महुआ मोइत्रा द्वारा दायर याचिका में अदालत से आग्रह किया है कि वह 18 जुलाई को जारी किए गए "प्रस्ताव के अनुरोध" को रद्द करे क्योंकि ये संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत
समानता, 19 (1) (ए) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और 21 के तहत जीने और निजता के अधिकार का हनन करता है।
उस वक्त मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ याचिकाकर्ता के लिए उपस्थित वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलील पर इस मुद्दे की जांच करने पर सहमत हुई थी कि मामला गंभीर है क्योंकि इस मुद्दे में निजता का मौलिक अधिकार शामिल है जिसका भारत के विशिष्ट पहचान विकास प्राधिकरण (यूआईडीएआई) उल्लंघन करने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि बेंच ने केंद्र और यूआईडीएआई को औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया और एजी की सहायता मांगी थी।
याचिका के मुताबिक यूआईडीएआई द्वारा जारी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल ( RPF) आधार प्राधिकरण के लिए सोशल मीडिया एजेंसी के रूप में कार्य करने के लिए एक निजी एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव रखता है और प्रस्तावित एजेंसी को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की निगरानी के लिए "सोशल मॉनिटरिंग टूल’ का कार्य सौंपा जा रहा है।