Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

मालेगांव धमाका : सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इनकार, कर्नल पुरोहित को कहा 21 नवंबर को हाईकोर्ट में रखें पक्ष

LiveLaw News Network
20 Nov 2018 5:23 AM GMT
मालेगांव धमाका : सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इनकार, कर्नल पुरोहित को कहा 21 नवंबर को हाईकोर्ट में रखें पक्ष
x

मालेगांव धमाके के केस में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली और कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट 21 नवंबर को इस मामले में पुरोहित का पक्ष सुने। कोर्ट ने कहा है कि ये मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है, इसलिए वह इसमें दखल नहीं देगा।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कर्नल पुरोहित की ओर से कहा कि हाईकोर्ट ने स्पेशल NIA कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जबकि गैरकानूनी गतिविधियों यानी UAPA के तहत ट्रायल के लिए मंजूरी नहीं दी गई थी। कोर्ट ने उनसे कहा कि ये केस हाई कोर्ट में लंबित है और बॉम्बे हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को करेगा, इसलिए वह मामले में दखल नहीं देंगे।

गौरतलब है कम 30 अक्टूबर को NIA की विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में सात आरोपियों पर आतंकवाद की साजिश रचने का आरोप तय किया था। कोर्ट ने आरोपियों पर हत्या और अन्य अपराध का आरोप भी तय किया है और इसके तहत आरोपियों पर यूएपीए और आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा। इन आरोपियों में कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा शामिल हैं।

इसे कर्नल पुरोहित ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन हाईकोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार करते हुए 21 नवंबर की तारीख तय की। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

इससे पहले मालेगांव धमाका केस साध्वी प्रज्ञा समेत सात आरोपियों को अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। दरअसल महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को  बम धमाका हुआ था। उस धमाके में 7  लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

Next Story