भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले : सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए मिला वक्त

LiveLaw News Network

30 Oct 2018 8:09 AM GMT

  • भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले : सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए मिला वक्त

    महाराष्ट्र के भीमा- कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन के अतिरिक्त मोहलत के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था। इससे आरोपियों को जमानत मिलने में मुश्किल होगी।

    सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए आरोपी सुरेंद्र गडलिंग को नोटिस जारी किया है।

    इस दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि तकनीकी कारणों से चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई। पुलिस दस दिनों में चार्जशीट दाखिल करेगी। वहीं आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसका विरोध किया।

    पिछले हफ्ते ही टमहाराष्ट्र सरकार की ओर से निशांत कातनेश्वरकर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

    बुधवार को ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में गिरफ्तार वकील सुरेंद्र गडलिंग और अन्य आरोपियों के मामले में पुणे पुलिस को   चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन अतिरिक्त देने के आदेश को रद्द कर दिया था। फैसले में जस्टिस मृदुला भाटकर ने कहा कि आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय देना और गिरफ्तार लोगों की हिरासत अवधि बढ़ाने का निचली कोर्ट का आदेश गैरकानूनी है। हाईकोर्ट के इस आदेश से गडलिंग और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की जमानत पर रिहाई हो सकती थी लेकिन राज्य सरकार के अनुरोध पर जस्टिस भाटकर ने अपने आदेश पर रोक हुए इस पर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए राज्य सरकार को एक नवंबर तक का समय दिया था।

    पुणे पुलिस ने गडलिंग  के अलावा प्रोफेसर शोमा सेन, दलित कार्यकर्ता सुधीर धवले, सामाजिक कार्यकर्ता महेश राउत और केरल की रोना विल्सन को भीमा- कोरेगांव में 31 दिसंबर 2017 और एक जनवरी 2018 को हुई हिंसा के मामले में 6 जून को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुणे पुलिस को सितंबर तक चार्जशीट दाखिल करनी थी लेकिन इसके बाद पुलिस ने पुणे स्पेशल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय ले लिया था।

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