दिल्ली हाईकोर्ट ने की महिला की दरियादिली की प्रशंसा; पत्नी के माफ कर देने पर अलग हुए पति को जाने दिया [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network

25 Oct 2018 5:00 PM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने की महिला की दरियादिली की प्रशंसा; पत्नी के माफ कर देने पर अलग हुए पति को जाने दिया [निर्णय पढ़ें]

    अलग हुई पत्नी के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर दोस्ती बनाने वाले अपने पूर्व पति को माफ कर देने वाली महिला की दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रशंसा की। कोर्ट ने इस महिला की दरियादिली की तारीफ करते हुए इस व्यक्ति के खिलाफ दायर एफआईआर को निरस्त कर दिया पर इस व्यक्ति को मुख्यमंत्री राहत कोष में एक लाख रुपए की राशि देने का आदेश दिया।

    न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने यह आदेश साराय रोहिल्ला थाने में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत इस व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग संबंधी याचिका पर निर्णय लेते हुए दिया।

    उस व्यक्ति पर उसकी विवाहित पत्नी और शिकायतकर्ता के नाम से वस्तुओं की खरीद-बिक्री करने वाले वैबसाइट पर उस महिला का डिटेल्स देते हुए फर्जी अकाउंट बनाया और उससे मित्रता करने की इच्छा जताई।

    इसके बाद इस शिकायतकर्ता महिला को काफी अपमानजनक संदेश प्राप्त होने लगे, ऐसा आरोप है।

    याचिकाकर्ता पति के वकील ने कहा कि एफआईआर दोनों के बीच हुए विवाद का हिस्सा है और दोनों ने 16 जुलाई 2018 को हुए एक समझौते द्वारा अपने विवादों को सुलझा लिया है।

    शिकायतकर्ता ने न्यायमूर्ति सचदेव के समक्ष कहा कि वह याचिकाकर्ता के साथ मामले को सुलझा चुकी है और अब वह अपने इस मुकदमे को आगे नहीं ले जाना चाहती।

    कोर्ट ने कहा की मामले के तथ्यों के आधार पर साबित होता है कि इस एक महिला का दिल कितना बड़ा है। न्यायमूर्ति सचदेव ने कहा कि अपने पति के हाथों अपमानित होने के बाद भी वह उसे माफ करने और उसके दुराचरण को भूलने के लिए तैयार है”।

    अदालत ने इसके बाद उस आदमी पर मुकदमे की लागत लगाई और कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वह भविष्य में फिर ऐसा करने की हिम्मत नहीं कर पाए”।

    इसके बाद उन्होंने निर्देश दिया कि प्राथमिकी और उससे उत्पन्न होने वाली परिणामी कार्यवाही रद्द हो जाएगी बशर्ते वह जुर्माने की राशि तीन सप्ताह में जमा कर दे।


     
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