मोटर वाहन अधिनियम मुआवजा : कर्मचारी परिवार लाभ योजना के तहत मिली राशि को आय में हुई क्षति की राशि से घटाया नहीं जा सकता : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]
LiveLaw News Network
14 Oct 2018 2:46 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी परिवार लाभ (ईएफबी) योजना के तहत दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिवार को जो राशि मिलती है उसे मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजे की राशि से घटाया नहीं जा सकता।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर,न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सेबेस्टियानी बनाम नेशनल इंश्योरेंश कंपनी लिमिटेडमामले में बीमा कंपनी की इस दलील पर गौर कर रहा था की चूंकि दावेदार को ईएफबी योजना के तहत 50,082 की राशि मिल रही है, उस राशि को अदालत द्वारा निर्धारित की जाने वाली मुआवजे की राशि से घटा देनी चाहिए।
रिलायंस जनरल इंश्योरेंश कंपनी लिमिटेड बनाम शशि शर्मा मामले में तीन जजों की सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि मृतक के आश्रितों को नियोक्त से मिलने वाले मुआवजे को वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) के तहत मिलने वाली राशि से घटा दिया जा सकता है।
पीठ ने इस मामले में कहा कि ईएफबी योजना शशि शर्मा मामले से संबंधित नियमों से पूरी तरह अलग है। इस योजना के तहत मृतक का कानूनी वारिस या नामित व्यक्ति को अपनी ग्रैचुइटी और अन्य संबंधित राशि कर्मचारी की मृत्यु होने पर जमा कराने होते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ईएफबी के तहत कानूनी वारिस को यह राशि मृत कर्मचारी के रिटायर होने की अवधि तक ही मिलता है।
हालांकि, पीठ ने कहा, “यद्यपि हम दावेदार को मिलने वाली राशि से इस राशि को घटाना नहीं चाहते, हमें लगता है कि मामले की परिस्थितियों को देखते हुए दूसरी राशि के दावे का अधिकार उनको नहीं है....ईएफबी योजना के तहत मिलने वाली राशि भविष्य में होने वाले आय की हानि से अधिक है। हमारी राय में यह एक उचित मुआवजा होगा”।