पटना हाईकोर्ट ने बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का निर्देश दिया [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
2 Oct 2018 7:07 PM IST
पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के अध्यक्ष आनंद किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का निर्देश दिया है। किशोर पर एक स्कूल को मान्यता देने के कोर्ट के आदेश के बावजूद ऐसा नहीं किया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह ने जारी किया।
श्री राम चंद्र उच्च माध्यमिक स्कूल ने कोर्ट में आवेदन देकर बीएसईबी द्वारा स्कूल की मान्यता रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष यह स्वीकार किया गया कि स्कूल की मान्यता रद्द करने का निर्णय लेने से पहले, इस मामले को बोर्ड की मान्यता देने वाली समिति के समक्ष नहीं रखा गया। इसलिए संबंधित आदेश को 1 सितंबर को निरस्त कर दिया गया।
हालांकि, स्कूल ने अपने वकील अरुण कुमार के माध्यम से कोर्ट में अपील की थी और आरोप लगाया था कि बीएसईबी कोट के आदेश के बावजूद स्कूल को मान्यताप्राप्त नहीं मान रहा है।
अपने प्रति-हलफनामा में बीएसईबी ने कहा था कि अगर उसने स्कूल में छात्रों के प्रवेश की अनुमति दी तो इन छत्रों का एक अधिकार बनेगा और बोर्ड इस दुविधा में होगा कि मान्यता की शर्तों को पूरा नहीं करने के बावजूद उसकी मानता रद्द करे या न करे।
कोर्ट ने कहा कि बोर्ड ने जो किया है वह अवमानना की श्रेणी में आता है और इसके बाद उसने बोर्ड के अध्यक्ष से इस बारे में उनका विचार पूछा। अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड के आदेश को निरस्त करते हुए मान्यता बहाल करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी।
“याचिकाकर्ता को परिणामतः कोई राहत नहीं दिये जाने के बाद वे मान्यता बहाल किए जाने का अनुमान लगाते हुए इस बात का दावा नहीं कर सकते कि उन्हें छात्रों का प्रवेश लेने की अनुमति दी जाए,” उन्होंने कहा।
अध्यक्ष के हलफनामे पर कोर्ट ने कहा कि उसने आदेश को निरस्त करते हुए स्पष्ट कहा था कि उसके आदेश का परिणाम होना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने इस फैसले को नहीं समझ पाने के लिए उनकी खिंचाई की और कहा,
“मान्यता रद्द करने के आदेश को निरस्त करने का स्वाभाविक अर्थ है मानता को बहाल करना। अगर इतनी सरल बात बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष की समझ नहीं सकते हैं तो वह इस पद को संभालने में पूरी तरह अयोग्य हैं पर जिसे वे संभाल रहे हैं या फिर वे कोर्ट के आदेश की जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं”।
इसके बाद न्यायमूर्ति सिंह ने प्रथमतः, कोर्ट के आदेश को लागू नहीं करने और दूसरा अपने हलफनामे में यह दलील देने की वजह से उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 अक्तूबर को होगी जिस दिन अवमानना के मामले पर भी गौर किया जाएगा।