पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने न्याय को सुलभ करने के लिए उठाए कई कदम; कागजों पर होने वाले खर्चों की हुई बचत, घर तक पहुंचाए जा रहे हैं कोर्ट के आदेश
LiveLaw News Network
27 Sept 2018 11:43 AM IST
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश कृष्ण मुरारी के नेतृत्व में कई सारे कदम उठाए गए हैं ताकि कागज का प्रयोग सीमित किया जाए और न्याय की डिलिवरी को मुकदमादारों के प्रति ज्यादा सहूलियत वाला बनाया जाए।
हाईकोर्ट ने ई-पेमेंट लागू किया है और आदेश, जांच आदि की कॉपी के लिए भुगतान अब इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड या अन्य प्री-पेड कार्ड द्वारा किया जा सकता है।
कोर्ट कागज के दोनों पृष्ठों पर प्रिंट करने के विकल्प को भी लागू करने जा रहा है जिससे 1.5 करोड़ शीट कागज की हर वर्ष बचत होगी और रेकॉर्ड रखने के लिए जगह भी बचाए जा सकेंगे। रिट याचिका को कागज पर दायर करने से छुटकारा पाने पर हर साल लगभग 2.5 लाख शीट कागज की बचत हो पाएगी।
अब किसी भी भुगतान की रसीद नहीं दी जाएगी बल्कि इसके बदले पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेज दी जाएगी।
कोर्ट ने इन प्रावधानों को पिछले वर्ष के आंकड़ों के आधार पर लागू किया है जब हाईकोर्ट ने 5 लाख रसीद जारी किए गए जिस पर A4 साइज़ के कागज के लगभग 400 रीम्स खर्च हुए ऐसा अनुमान है।
कोर्ट ने लोगों को उनके घर तक आदेशों की प्रमाणित कॉपी पहुंचाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। पिछले आठ माह में हाईकोर्ट के वेबसाइट पर मुकदमा लड़ने वाले लोगों की आवाजाही 3.68 लाख रही जो देश में सबसे ज्यादा है।
लोगों को कोर्ट के आदेशों की प्रमाणित प्रति अब स्पीडपोस्ट से मुकदमादारों को उनके घर तक पहुंचाया जाता है और लोग इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सभी जिला अदालतों में यह सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में लगभग 12000 आम सेवा केंद्र हैं जहां से कोई भी मुकदमादार कोर्ट के किसी आदेश की प्रमाणित प्रति के लिए आवेदन कर सकता है।
भारतीय न्यायपालिका का एक वैबसाइट टोरंटो, कनाडा स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है (www.cgi.toronto.ca) और कोई अनिवासी भारतीय भारत में चल रहे उनके किसी मुकदमे के बारे में इसके माध्यम से ऑनलाइन जानकारी ले सकते हैं।
मंगलवार को कंप्यूटर समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने बार के सदस्यों के साथ बैठक में हाईकोर्ट द्वारा आईटी क्षेत्र को लेकर उठाए गए कुछ कदमों की जानकारी दी जिससे मुकदमादारों, वकीलों और आम लोगों को लाभ होगा। इस बैठक में न्यायमूर्ति सुरिन्दर गुप्ता, अरुण पल्ली और बीएस वालिया भी मौजूद थे।