गड्ढे में गिरकर 11 साल के लड़के की मौत का मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी से बच्चे की माँ को 10 लाख का मुआवजा देने को कहा [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network

12 Aug 2018 12:22 PM IST

  • गड्ढे में गिरकर 11 साल के लड़के की मौत का मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी से बच्चे की माँ को 10 लाख का मुआवजा देने को कहा [निर्णय पढ़ें]

    दिल्ली हाईकोर्ट ने गत सप्ताह पीडब्ल्यूडी को आदेश दिया कि वह 11 साल के एक बच्चे की बिना ढके हुए गड्ढे में गिरकर मौत होने के मामले में इस बच्चे की माँ को 10 लाख रुपए का मुआवजा दे। यह बच्चा स्कूल की ओर से दक्षिण दिल्ली के मिलेनियम पार्क में पिकनिक पर गया था जब वर्षा जल को जमा करने के लिए बने गड्ढे में वह गिर गया और उसकी मौत हो गई।

     कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरी शंकर की पीठ ने सार्वजनिक कार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) को कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को यह राशि चुकाने का आदेश दिया है। इसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को यह राशि उस बच्चे की माँ को देने का विस्तृत निर्देश जारी किया।

     कोर्ट ने इस बच्चे की मौत के मामले में हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में दिसंबर 2015 में प्रकाशित रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था।इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इस मामले की प्रगति पर नजर रखे। मामले की सुनवाई के दौरान यह पता चला कि इसमें  बच्चों के साथ गए शिक्षक देवेंदर कुमार, पीडब्ल्यूडी के बागवानी विभाग के सेक्शन अफसर जय प्रकाश सिंह और पीडब्ल्यूडी के कनिष्ठ अभियंता (सिविल) गरिमा राज के खिलाफ आईपीसी की धारा 304A के तहत चार्जशीट दाखिल किया गया था।

     पीडब्ल्यूडी ने इस मामले में यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी कि इस गड्ढे का निर्माण तो उसने किया पर इसके दैनिक देखभाल की जिम्मेदारी उसकी नहीं है।

     पर कोर्ट ने कहा कि यह स्वीकार करने के बाद कि जिस गड्ढे का मुंह खुला रहता है उस पर विभाग नियमित रूप से ध्यान नहीं देता, उसने अपनी जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है और यह कि इसके रखरखाव में उनसे चूक हुई है।

    इसके बाद कोर्ट ने बच्चे की मौत के लिए पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदार ठहराया। कोर्ट ने कहा, “...तथ्यों पर गौर करने से यह स्पष्ट है कि पीडब्ल्यूडी बच्चे की मौत के लिए जिम्मेदार है...”

     इसके बाद कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि मृतक बच्चे के परिवार को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है, और उसने बच्चे की माँ को ब्याज सहित 10 लाख रुपए चुकाने का आदेश दिया। इसके अलावा कोर्ट ने कुछ निर्देश दिए जो भूमि का स्वामित्व रखने वाली एजेंसी के लिए था :




    • जमीन पर किसी भी तरह के मेनहोल, गड्ढे, छिद्रों, टैंकों की नियमित जांच हो और उनका रख-रखाव हो।

    • इनकी जांच और रखरखाव के कार्यक्रम को सभी विभाग अधिसूचित करे।

    • इन स्थानों को घेर दिया जाए ताकि आम लोगों की उस तक पहुँच नहीं हो सके।

    • जहां ये हैं उस जगह को स्पष्ट रूप से साइनबोर्ड/चिन्ह द्वारा चिन्हित किया जाना चाहिए।

    • अगर उन्हें ढके जाने की जरूरत है तो अथॉरिटीज को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन पर ढक्कन लगे हों।

    • इस मामले में उत्तरदायित्व वरिष्ठ अधिकारियों की ही होगी जो कि कार्यपालक अभियंता के रैंक से नीच के नहीं होंगे।


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