सुप्रीम कोर्ट ने जारी किये वरिष्ठ अधिवक्ताओं को विनियमित करने वाले दिशानिर्देश [दिशानिर्देश पढ़ें]
LiveLaw News Network
6 Aug 2018 7:01 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने अपने प्रशासनिक दायित्वों का पालन करते हुए वरिष्ठ एडवोकेट्स को विनियमित करने वाले दिशानिर्देशों को जारी कर दिया।
इस दिशानिर्देश को “सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन्स टू रेगुलेट कन्फर्मेंट ऑफ़ सीनियर एडवोकेट्स, 2018” नाम दिया गया है और यह अधिवक्ताओं को वरिष्ठ का दर्जा देने के लिए बनाई गई स्थाई समिति को यह अधिकार देता है कि वह किसी अधिवक्ता को वरिष्ठ का दर्जा दे सकता है और इससे जुड़े मामले को देख सकता है।
इस समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे और सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठतम जजों के अलावा अटॉर्नी जनरल,और बार के एक सदस्य इसमें शामिल होंगे जिन्हें समिति के अध्यक्ष और सदस्य नामित करेंगे।
उम्मीद की जाती है कि इस समिति की एक कैलंडर वर्ष में कम से कम दो बार बैठक होगी। इसका एक स्थाई सचिवालय होगा जिसमें कौन होंगे इसका निर्णय समिति के अन्य सदस्यों की सलाह से मुख्य न्यायाधीश करेंगे।
अगर सीजेआई या कोई अन्य जज यह समझते हैं कि किसी अधिवक्ता को वरिष्ठता का दर्जा दिया जाना है तो वे इस बारे में कोई भी सुझाव लिखित में दे सकते हैं। एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड अगर वरिष्ठ अधिवक्ता बनाए जाने का ख्वाहिश रखते हैं तो वे भी उचित फॉर्मेट में अपना आवेदन सचिवालय में दाखिल कर सकते हैं।
जहां तक इसके लिए योग्यता की बात है, सिर्फ वही अधिवक्ता इसके योग्य होंगे अगर उन्होंने अधिवक्ता या जिला जज या किसी अधिकरण के न्यायिक सदस्य के रूप में 10 साल पूरा कर चुके हैं और जो जिला जज होने की योग्यता रखते हैं।
ये दिशानिर्देश इंदिरा जयसिंह बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशानिर्देश के तहत जारी किये गए हैं।