अब आधार के बिना भी आयकर रिटर्न भरा जा सकेगा; दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीडीटी से कहा, उपगोकर्ताओं को 31 मार्च 2019 तक आधार की बाध्यता के बिना आयकर रिटर्न भरने देने को कहा [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network

25 July 2018 12:14 PM GMT

  • अब आधार के बिना भी आयकर रिटर्न भरा जा सकेगा; दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीडीटी से कहा, उपगोकर्ताओं को 31 मार्च 2019 तक आधार की बाध्यता के बिना आयकर रिटर्न भरने देने को कहा [आर्डर पढ़े]

    अब आयकरदाता बिना आधार के भी आयकर रिटर्न भर सकेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने दो याचिकाकर्ताओं को यह राहत दिलाने का आदेश देते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से कहा कि वह 31 मार्च 2019 तक आधार के बिना लोगों को आयकर रिटर्न भरने की अनुमति दे। पैन-आधार को लिंक करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दी गई है।

    न्यायमूर्ति एस रविन्द्र भट और न्यायमूर्ति एके चावला ने याचिकाकर्ता श्रेया सेन और एक अन्य को आधार कार्ड के बिना ऑनलाइन आयकर रिटर्न भरने की अनुमति दे दी।

    पीठ ने सीबीडीटी से कहा है कि वह अपने डिजिटल फॉर्म को संशोधित करे ताकि आयकर रिटर्न भरने वाले आधार नंबर के बिना भी 31 मार्च 2019 तक रिटर्न भर सकें।

     मद्रास हाईकोर्ट ने भी नौ अन्य याचिकाकर्ताओं को भी इसी तरह की छूट दे चुका है।

    वर्त्तमान मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मुकुल तलवार बनाम भारत संघ मामले में हाईकोर्ट के 14 मई के फैसले पर भरोसा किया जिसमें कोर्ट ने प्रतिवादी को आधार नंबर के बिना आयकर रिटर्न स्वीकार करने का आदेश दिया था क्योंकि पैन-आधार को लिंक करने की समय सीमा बढ़ा दी गई थी।

    वर्तमान मामले में सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 119 के तहत 30 जून को एक नोटिस जारी कर पैन-आधार कार्ड को लिंक करने करने की समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया।

    “...याचिकाकर्ताओं को आकलन वर्ष 2018-19 के लिए पैन और आधार के लिंकेज पर जोर डाले बिना आयकर रिटर्न भरने की अनुमति होगी और उन्हें आधार पंजीकरण का सबूत पेश करने के लिए बाध्य भी नहीं किया जाएगा,” पीठ ने अपने आदेश में कहा।

     याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि सीबीडीटी के 30 जून के आदेश के बावजूद आयकर विभाग से लोगों को ऐसे मेल मिल रहे हैं कि हमारे जैसे लोगों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।

    इस पर कोर्ट ने कहा, “इस अदालत का मानना है कि कम से कम 31 मार्च 2019 तक के लिए सीबीडीटी को एक उचित निर्देश जारी कर अपने डिजिटल फॉर्म को संशोधित करना चाहिए और लोगों को पैन-आधार लिंक के बिना भी आयकर रिटर्न भरने की अनुमति देनी चाहिए।


     
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