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बिना राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के राष्ट्रीय उद्यान से 10 किलोमीटर के भीतर कोई खनन नहीं: उत्तराखंड हाईकोर्ट [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network
27 Jun 2018 4:36 PM GMT
बिना राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के राष्ट्रीय उद्यान से 10 किलोमीटर के भीतर कोई खनन नहीं: उत्तराखंड हाईकोर्ट [आर्डर पढ़े]
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बिना राज्य में राष्ट्रीय वन्यजीव उद्यानों की सीमाओं से 10 किमी के भीतर कोई खनन ना किया जाए।

"नेशनल पार्क के नजदीकी इलाके में खनन गतिविधि वन्यजीवन को परेशान करती है। ठेकेदार भारी मशीनरी तैनात करते हैं जिससे क्षेत्र में शोर प्रदूषण होता है और भारी वाहनों का उपयोग निकाले गए खनिजों के परिवहन के लिए किया जाता है," न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने कहा।

अदालत ने  राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के राष्ट्रीय उद्यानों की सीमाओं से 10 किलोमीटर के  भीतर खनन गतिविधियों को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद  गैरकानूनी खनन के उदाहरण देने वाली  दो रिट याचिकाओं पर  सुनवाई की थी।

राज्य ने  याचिका का जवाब दिया था कि उसने राजाजी नेशनल पार्क के आसपास की ऐसी खनन गतिविधियों के खिलाफ पहले से ही कार्रवाई की थी, जिसे अप्रैल 2015 में टाइगर  रिजर्व घोषित किया गया था, जो राज्य में कॉर्बेट के बाद दूसरा ऐसा रिजर्व बन गया।

इस सबमिशन को ध्यान में रखते हुए अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए निर्देश दिया, "तदनुसार, इन रिट याचिकाओं को उत्तरदाता राज्य को इस  दिशा निर्देश के साथ निपटाया जाता है- यह सुनिश्चित करने के लिए कि  राष्ट्रीय उद्यान के लिए राष्ट्रीय बोर्ड से मंजूरी प्राप्त किए बिना जिम कॉर्बेट, राजाजी नेशनल पार्क और अन्य राष्ट्रीय उद्यानों समेत सभी राष्ट्रीय उद्यानों की सीमाओं से  10 किमी के भीतर कोई खनन गतिविधि नहीं की जा रही है।। "


 
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