गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बच्चे उठाने वाला समझकर दो युवाओं को पीट-पीटकर मार डालने पर स्वत: संज्ञान लिया [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
15 Jun 2018 9:57 AM IST
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने करबी एंग्लोंग जिले के ग्रामीणों द्वारा दो युवाओं - नीलोत्पल दास और अभिजीत नाथ को पीट-पीटकर मार डालने के बारे में स्वत: संज्ञान लिया है और सरकार व पुलिस से पूछा है कि अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए क्या प्रभावी उपाय किए गए हैं।
मुख्य न्यायाधीश अजीत सिंह और न्यायमूर्ति अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ की एक पीठ ने पुलिस और सरकार को निर्देश दिया कि वे दोषी अधिकारियों और अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में सूचित करें।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक डिजिटल इंजीनियर दास और डिजिटल कलाकार अभिजीत नाथ को पुलिस स्टेशन डोक्मोका के अधिकार क्षेत्र के तहत पंजुरी गांव में पीट- पीटकर मार डाला गया था।
दोनों पीड़ित प्रकृति के नज़ारे कैद करने के लिए पिकनिक स्पॉट कंथिलंग्सो गए थे, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से नकली खबर प्रसारित की गई कि वे बच्चों के अपहरणकर्ता हैं।
खंडपीठ ने टिप्पणी की, "और इस खबर पर वे सबसे अमानवीय तरीके से मौत के घाट उतार दिए गए। इस बर्बर घटना की न केवल असम में बल्कि पूरे देश के साथ-साथ विदेशी समाचार मीडिया में भी निंदा की गई है।"
"असम राज्य अपने निवासियों के जीवन की रक्षा के लिए एक संवैधानिक दायित्व में है। अफसोस की बात है कि इस मामले में, ऐसा करने में वो असफल रहा है। इसलिए हम इस घटना के बारे में सार्वजनिक हित मुकदमे के रूप में वर्तमान याचिका के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिए बाध्य हैं ।
अदालत ने आदेश दिया कि अदालत को सूचित करने के लिए उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया जाना चाहिए कि अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए क्या प्रभावी उपाय किए गए हैं और यह सूचित करने के लिए कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। इस बीच, अदालत ने चुड़ैल शिकार के अमानवीय अभ्यास के खिलाफ एक और याचिका को इसके साथ जोड़ दिया है।