उत्तर पुस्तिका के लिए अत्यधिक फीस वसूलकर सीबीएसई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहा है : सुप्रीम कोर्ट में उठा कोर्ट की अवमानना का मामला [याचिका पढ़े]
LiveLaw News Network
6 Jun 2018 7:21 AM GMT
एक बार फिर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) मुश्किलों में घिर गया है। सुप्रीम कोर्ट में उसके खिलाफ न्यायिक अवमानना का मामला दायर किया गया है क्योंकि उस पर जांची गई उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराने के लिए छात्रों से प्रति विषय 1200 रुपए लेने का आरोप लगाया गया है।
व्हिसल फॉर पब्लिक इंटरेस्ट (डब्ल्यूएचआईपी) के कुमार शानू और पारस जैन ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है की सीबीएसई ऐसा करके सीबीएसई एवं अन्य बनाम आदित्य बंधोपाध्याय एवं अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त मामले में दिए अपने फैसले में कहा था की उत्तर पुस्तिका सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 2(f) के तहत ‘सूचना’ के तहत आता है और उत्तर पुस्तिका के बारे में जानना छात्रों के मौलिक कानूनी अधिकार के तहत आता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “जब कोई छात्र किसी परीक्षा में बैठता है और उत्तर पुस्तिका में अपना जवाब लिखकर उसे परीक्षा लेने वाली निकाय को परीक्षा परिणाम के लिए सौंपता है तो यह उत्तर पुस्तिका एक रिकॉर्ड बन जाता है। जब इस उत्तर पुस्तिका का किसी परीक्षक द्वारा मूल्यांकन होता है तो यह उत्तर पुस्तिका एक ऐसा रिकॉर्ड बन जाता है जिस पर उस परीक्षक की ‘राय’ होती है। इसलिए जांची गई उत्तर पुस्तिका भी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एक ‘रिकॉर्ड’ है”।
अब इस याचिका में कहा गया है कि निर्देश के बावजूद गाठ सप्ताह सीबीएसई ने एक सूचना जारी कर दसवीं की कक्षा के लिए जांची गयी उत्तर पुस्तिका की जानकारी प्रति विषय 1000 रुपए और बारहवीं के लिए 1200 रुपए लेने की बात कही है। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन 10 रुपए है और हर पृष्ठ के लिए लिए दो रुपए लिए जाने का प्रावधान है।