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वाहन दुर्घटना दावा : परमिट का नहीं होना कानून का मौलिक उल्लंघन, ऐसे में बीमा कंपनी की कोई देनदारी नहीं- सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]
![वाहन दुर्घटना दावा : परमिट का नहीं होना कानून का मौलिक उल्लंघन, ऐसे में बीमा कंपनी की कोई देनदारी नहीं- सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें] वाहन दुर्घटना दावा : परमिट का नहीं होना कानून का मौलिक उल्लंघन, ऐसे में बीमा कंपनी की कोई देनदारी नहीं- सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2018/03/supreme-court-of-india-1.jpg)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिना परमिट के सार्वजनिक स्थलों पर वाहनों का परिचालन वैधानिक नीति का उल्लंघन है और ऐसे में अगर दुर्घटना होती है तो बीमा कंपनियां देनदारी से मुक्त होंगी।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की पीठ ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एक अपील पर यह फैसला दिया। यह अपील एक ट्रक मालिक ने दायर की थी जिसकी दुर्घटना हो गयी थी। मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण ने पाया कि यह ट्रक बिना किसी परमिट के चलाया जा रहा था और कहा कि इस वजह से क़ानून का उल्लंघन हुआ और इसलिए बीमा कंपनी का कोई दायित्व नहीं बनता।
इस फैसले को ट्रक मालिक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी पर उसे वहाँ भी राहत नहीं मिली। इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की और कहा कि परमिट का नहीं होना मौलिक उल्लंघन नहीं है। यह भी कहा गया कि परमिट के लिए आवेदन दिया गया था और दुर्घटना इसी दौरान हुई।
पीठ ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा,
“वर्तमान मामले में यह स्पष्ट है कि जिस समय दुर्घटना हुई उस समय वाहन परिचालन की अनुमति नहीं थी। अपीलकर्ता का कहना है कि यह वाहन दुर्घटना में शामिल नहीं थी। इसके अलावा, उन्होंने यह नहीं बताया है कि वाहन परिचालन के लिए अस्थाई परमिट या कोई अन्य परमिट था कि नहीं। अधिनियम की धारा 66 के तहत जिस अपवाद की आड़ ली जा रही है...उसको साबित करना जरूरी है। दायित्व से बचने के लिए इस अपवाद का सहारा नहीं लिया जा सकता। सार्वजिनक स्थल पर बिना परमिट के वाहन का परिचालन क़ानून का मौलिक उल्लंघन है। हम ऐसा धारा 66 के आलोक में कह रहे हैं।”