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अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने 25 मई तक CLAT के परिणाम के प्रकाशन पर रोक लगाई

LiveLaw News Network
23 May 2018 5:06 PM GMT
अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने 25 मई तक CLAT के परिणाम के प्रकाशन पर रोक लगाई
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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (सीएलएटी), 2018 के परिणामों के प्रकाशन पर 25 मई तक रोक लगा दी है  जब हाईकोर्ट ने इस साल की परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई करनी है जबकि ये परीक्षा को देश के कई उच्च न्यायालयों के सामने चुनौती दी गई है।

  सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में तीन राज्यों के छः छात्रों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई कर रही है। वकील आनंद शंकर झा और सिद्धार्थ तिवारी के माध्यम से दायर की गई याचिका में परीक्षा के "अनुचित अनुचित, मनमानी और लापरवाही आचरण" के विभिन्न उदाहरणों पर प्रकाश डाला गया है और दावा  किया गया है कि 15 से अधिक राज्यों के छात्रों के निकट भविष्य में याचिका में शामिल होने की संभावना है।

सर्वोच्च न्यायालय की वेकेशन बेंच जिसमें जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस नवीन सिन्हा शामिल हैं,  ने अब उत्तरदाताओं को अग्रिम प्रतिलिपि देने के निर्देश दिए हैं, साथ ही अगर आदेशों की आवश्यकता है, अगर कोई है, तो छह उच्च न्यायालयों में से किसी भी द्वारा पारित निर्देशों को सीज लिया गया है। साथ ही वो जवाब भी मांगे हैं जो अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल किए गए हैं।

इसी तरह की याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर बेंच ने यह भी निर्देश दिया है कि अगर परीक्षा परिणाम 29 मई से पहले घोषित किए जाएंगे तो जब यह मामला सुना जाएगा तो परिणाम इससे पहले याचिकाओं के नतीजे के अधीन होंगे ।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले को भी जब्त कर लिया है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर नोटिस जारी किया है, साथ ही सीएलएटी UG और सीएलएटी पीजी के साथ अन्य कानून स्नातक के लिए उपस्थित एक उम्मीदवार की याचिका पर ये नोटिस जारी किया गया।

इसके अलावा एक पिता बेटी  ने 13 मई की परीक्षा के दौरान  व्यापक तकनीकी गलतियों के कारण परीक्षा को रद्द करने और नुकसान को पूर्ववत करने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से संपर्क किया है।

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