Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

दिल्ली हाईकोर्ट ने ओपन स्कूल के छात्रों के लिए भी खोला NEET का गेट, 25 वर्ष की ऊपरी उम्र सीमा को सही ठहराया [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network
13 May 2018 12:16 PM GMT
दिल्ली हाईकोर्ट ने ओपन स्कूल के छात्रों के लिए भी खोला NEET का गेट, 25 वर्ष की ऊपरी उम्र सीमा को सही ठहराया [निर्णय पढ़ें]
x

एक महत्त्वपूर्ण फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि ओपन स्कूल के छात्र भी NEET की परीक्षा दे सकते हैं। कोर्ट ने सामान्य और आरक्षित श्रेणी के छात्रों के प्री-मेडिकल टेस्ट में बैठने के लिए उम्र सीमा क्रमशः 25 और 30 वर्ष निर्धारित करने के सीबीएसई के निर्णय को भी सही ठहराया।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंदर शेखर की पीठ ने उम्र सीमा के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया और उम्मीद जताई कि निकट भविष्य में उम्र और विषय पर लगे प्रतिबंधों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ओपन स्कूल पर प्रतिबंध अनर्गल

पीठ ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (एमसीआई) का यह निर्णय पूर्वाग्रहग्रस्त था जो यह समझ रहा था कि जो उम्मीदवार नियमित स्कूल में नहीं जा रहे हैं, क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है या उनके साथ कोई सामाजिक कारण हैं, उनका स्तर नीचा होता है और वे इस परीक्षा में बैठने के लायक नहीं होते। इस तरह की पूर्वाग्रहों को पूरी तरह खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि ये संवैधानिक के स्वभाव के विपरीत है और ये स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करते हैं।

उम्र सीमा सही

NEET में बैठने के लिए सीबीएसई द्वारा निर्धारित उम्र सीमा को सही बताते हुए कोर्ट ने कहा कि उम्र सीमा में ढील दिए जाने की मांग करने वाला 45 साल का एक वार्ड बॉय रितिनाथ शुक्ला हैं जो डॉक्टर बनाना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा, “...डॉक्टर बनने के लिए NEET में बैठने की रितिनाथ शुक्ला की इच्छा से हमें हमदर्दी है पर सिर्फ इस आधार पर इस याचिका की अनुमति नहीं दी जा सकती और उसे राहत नहीं दी जा सकती। हम इसके लिए उम्र की ऊपरी सीमा के मुद्दे पर पहले ही विचार कर चुके हैं।”

पीठ ने कहा, “…इस परीक्षा के लिए उम्र की ऊपरी सीमा निर्धारित करना जरूरी है क्योंकि सरकारी और निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की लगभग 61000 सीट है। इस परीक्षा में बैठने वाले लाखों छात्रों के लिए प्रतियोगिता का सामान आधार होना चाहिए। यह स्पष्ट है कि एक उम्मीदवार जो 17 से 18 साल का है उसको 26/31 साल के उम्मीदवारों से मुकाबला करना मुश्किल होगा जो कि पिछले 7 से 10 सालों से पढाई कर रहा है ताकि उसे एमबीबीएस में प्रवेश मिल सके।

निष्कर्ष

(a) ओपन स्कूल बोर्ड के छात्रों को इस परीक्षा में बैठने से योग्य ठहराने के प्रावधान को खारिज किया जाता है और इसे असंवैधानिक करार दिया जाता है। एनआईओएस से 12वीं पास करने वाले छात्रों का NEET का परीक्षा परिणाम भी साथ-साथ ही घोषित किया जाएगा।

(b) आम श्रेणी के उमिद्वारों के लिए आयु की ऊपरी सीमा 25 वर्ष और आरक्षित श्रेणी के लिए 30 साल होगी। इस बारे में रिट याचिका को खारिज किया जाता है।

(c) निजी छात्रों के बारे में एमसीआई ने पहले ही स्पष्टीकरण दे दिया है और ऐसा लगता है कि निजी उम्मीदवार इससे संतुष्ट हैं। इस मुद्दे पर इस कोर्ट के समक्ष कोई चर्चा नहीं हुई।


 
Next Story