रामदेव की विवादास्पद पुस्तक ‘गॉडमैन टू टाइकून : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ बाबा रामदेव’ के प्रकाशन और बिक्री पर एक बार फिर प्रतिबंध [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network

12 May 2018 4:54 AM GMT

  • रामदेव की विवादास्पद पुस्तक ‘गॉडमैन टू टाइकून : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ बाबा रामदेव’ के प्रकाशन और बिक्री पर एक बार फिर प्रतिबंध [आर्डर पढ़े]

    दिल्ली हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की विवादास्पद पुस्तक ‘गॉडमन टू टाइकून : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ बाबा रामदेव’ के प्रकाशन और बिक्री पर एकबार फिर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस पुस्तक को प्रियंका पाठक नारायण ने लिखा है और इसका प्रकाशक है जगरनौट बुक्स।

    निचली अदालत के इस पुस्तक के प्रकाशन और इसकी बिक्री पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लेने के बाद रामदेव ने इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी और न्यायमूर्ति आरके गौबा ने पुस्तक के प्रकाशन और उसकी बिक्री पर अब अंतरिम रोक लगा दी है।

    कोर्ट ने अब जगरनौट बुक्स को कहा है कि वे रामदेव द्वारा अतिरिक्त वरिष्ठ दीवानी जज के फैसले को दी गयी चुनौती पर अपना जवाब दाखिल करें।

    एएससीजे जय थरेजा ने इस पुस्तक पर लगे प्रतिबंध को यह कहते हुए हटा लिया था कि इस पुस्तक के प्रकाशन और इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का पर्याप्त आधार नहीं है और इस पुस्तक की बिक्री इस पर प्रतिबंध लगने से पहले ही शुरू हो चुकी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि रामदेव ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि इस पुस्तक की वजह से उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।

    फैसले में यह भी कहा गया था कि रामदेव यह दावा नहीं कर सकते कि वे ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिसमें आम जनता की दिलचस्पी न हो क्योंकि उन पर लिखी गयी कई किताबें बिक रही हैं जिनमें उनकी एक अधिकृत जीवनी भी है।

    कोर्ट ने इस पुस्तक के लेखक और प्रकाशक की अपील पर पुस्तक पर लगी पाबंदी हटा ली थी।

    लेखक और प्रकाशक ने उस कमर्शियल सिविल जज के आदेश को चुनौती दी थी जिसने रामदेव की याचिका पर गौर करते हुए इस पुस्तक के प्रकाशन और इसकी बिक्री पर रोक लगा दी थी।

    रामदेव यह कहते रहे हैं कि इस पुस्तक से उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है और उनकी प्रतिष्ठा को हानि पहुँची है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी जीवनी है और यह उनकी अनुमति के बिना छापी गई है। प्रकाशक ने भी अपने अधिकार और बोलने की स्वतंत्रता की दुहाई दी।

    रामदेव ने इसके बाद इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जिसके बाद कोर्ट ने अंतरिम प्रतिबंध का आदेश जारी किया।


     
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