आधार को जोड़ने के नाम पर पेंशन के भुगतान में देरी नहीं हो सकती, CIC ने कहा [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
14 April 2018 11:09 AM IST
यहां तक कि इसे आधार के साथ जोड़ना जरूरी भी है तो भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए या पेंशन के बारे में जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता, प्रोफेसर एम श्रीधर आचार्युलु ने कहा।
केन्द्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि सार्वजनिक प्राधिकारी वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन के भुगतान को आधार से जोड़ने के नाम पर देरी नहीं कर सकते।
पेंशनर मुख्य रूप से अपनी आजीविका के लिए पेंशन पर निर्भर करते हैं और देरी करना अमानवीय होगा और ये जीवन के मौलिक अधिकार को अस्वीकार करने जैसा होगा।
यहां तक कि इसे आधार के साथ जोड़ना जरूरी भी है तो भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए या पेंशन के बारे में जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता, प्रोफेसर एम श्रीधर आचार्युलु ने एक सेवानिवृत्त कर्मचारी द्वारा अपील पर ये टिप्पणी की।
इस मामले में कर्मचारी ने उन लोगों के नामों की जानकारी मांगी थी जिनकी पेंशन मार्च 2017 के महीने के लिए आधार कार्ड की मांग के लिए रोक दी गई थी।सीपीआईओ ने इस आधार पर जानकारी देने से इनकार किया कि इससे किसी व्यक्ति की निजता पर आक्रमण होगा, इसलिए इसकी आपूर्ति नहीं की जा सकती।
इस संबंध में सीआईसी ने कहा: "पेंशन सेवानिवृत्त सार्वजनिक कर्मचारियों को उनके द्वारा की गई सेवाओं के भुगतान और निरंतरता के लिए वेतन का हिस्सा है और यह पूर्व-नियत पैमाने और अन्य पहलुओं के अनुसार सार्वजनिक खज़ाने से बाहर का भुगतान है । पब्लिक कर्मचारी का वेतन विवरण उनकी व्यक्तिगत जानकारी नहीं है यह धारा 4 के तहत सार्वजनिक डोमेन में होना चाहिए। उसी तर्क पर पेंशन संबंधी जानकारी पेंशनभोगी की व्यक्तिगत जानकारी नहीं है। सीपीआईओ द्वारा आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (जे) को गलत ढंग से लागू करने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए था। "
इस मामले में सीपीआईओ ने स्वीकार किया था कि अन्य लोगों के बारे में पेंशन से संबंधित जानकारी को निजता प्रावधान के तहत रोका गया था और भारी काम के दबाव और धोखाधड़ी की जांच के बोझ का हवाला परेशानी के कारक के तौर पर दिया गया था।
इसके बाद आयोग ने गलत तरीके से जानकारी के इनकार के लिए 250 रुपये का नाममात्र का जुर्माना लगाया।